टूटे एनएच ने तोड़ी बोकारो-चास की कमर

बोकारो/बालीडीह: फैलिन की तबाही तो जिले में थम गयी. पर भारी बारिश के कारण सिवनडीह के पास महज दस फीट की पुलिया टूट जाने से बोकारो-चास की कमर तीसरे दिन भी टूटी रही. खबर लिखे जाने तक न ही डायवरजन (वैकल्पिक पथ) का काम शुरू हुआ था, न ही पुलिया के पास टूटी सड़क की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2013 10:26 AM

बोकारो/बालीडीह: फैलिन की तबाही तो जिले में थम गयी. पर भारी बारिश के कारण सिवनडीह के पास महज दस फीट की पुलिया टूट जाने से बोकारो-चास की कमर तीसरे दिन भी टूटी रही. खबर लिखे जाने तक न ही डायवरजन (वैकल्पिक पथ) का काम शुरू हुआ था, न ही पुलिया के पास टूटी सड़क की मरम्मत में एनएच ने हाथ लगाया था.

रांची से बोकारो आने वाली एनएच 23 पर पेटरवार के बाद परिचालन पूरी तरह से ठप रहा. उनके पास अपने साधन नहीं थे, उन्हें पेटरवार से बोकारो आने में जो महज 45 मिनट का रास्ता है, घंटों लगे. स्टेशन जाने वाले या फिर सड़क के रास्ते रांची या दूसरी जगह जाने वाले मुसाफिर तो परेशान रहे ही, बोकारो-चास के व्यापार पर भी इसका असर साफ तौर से दिखायी पड़ा. अगर किसी ने चांदी काटी तो ऑटो वालों ने. बोकारो शहर से स्टेशन का भाड़ा जो 5-10 रुपये है उसके लिए ऑटो वालों ने मनमाने ढंग से भाड़ा वसूला. बच्चों और अपने सामान को सर पर उठाये घूमते हर तबके के लोगों को देखा गया. महिलाओं को एनएच के इस हाल ने खूब परेशान किया. बताते चलें कि यह हाल लगातार तीन दिनों से बदस्तूर जारी है.

जाम रहा सीजेड गेट से स्टेशन से आने वाली सड़क : बोकारो-चास वासियों के लिए सीजेड से स्टेशन आने वाली सड़क ही एक मात्र विकल्प थी. दिन भर इसी संकरे रास्ते का इसेत्माल लोगों ने किया. ऑटो से लेकर निजी वाहन इसी रास्ते से आते जाते रहे. वहीं एनएच पर रांची और जमशेदपुर से आने वाली बसों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहा. सड़क पर ट्रैफिक व्यवस्था कड़ी थी. कुर्मीडीह के पास रेलवे पुल की कम चौड़ाई के कारण गाड़ियां दिन भर रेंगती रही.

पेट्रोलियम स्टॉक हो जायेगा खत्म : अगर एनएच-23 का यही हाल पांच से छह दिनों तक यही रहा तो बोकारो-चास के आसपास के पंपों में सूखा छा जायेगा. रांची से बोकारो-चास और धनबाद जाने वाले टैंकर का परिचालन या तो ठप है या फिर टैंकरों को काफी घूम कर जाना पड़ रहा है. नया मोड़ के पास कुमार पंप के ऑनर कुमार अमरदीप ने कहा कि एनएच के कारण पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अगर यही हाल रहा तो बोकारो-चास समेत धनबाद में भी पेट्रोलियम की कमी हो जायेगी.

चास बाजार की दीवाली का दीवाला! : दीपावली से पहले करोड़ों का व्यापार करने वाला चास बाजार के व्यापारी एनएच के टूट जाने से काफी सहमे हुए है. दीपावली से पहले चूना-पोचाड़ा से लेकर पटाखों के लिए चास बाजार काफी फेमस है. पर वाहनों की आवाजाही नहीं होने के कारण थोक विक्रेताओं में यह डर बना हुआ है कि अगर सड़क मरम्मत जल्द नहीं हुई तो दीवाली से पहले ही उनका दिवाला निकल सकता है.

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