हमें वोट करें, आराम से बितेगी जिंदगानी
बोकारो: सुबह की गुडमॉर्निग से लेकर रात के गुड नाइट तक, वादों और दिलाशाओं का सिलसिला चल पड़ा है. उम्मीदवार के समर्थक अधिकारियों को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दे रहे हैं. बीजीएच, ब्लास्ट फरनेंस या फिर बोकारो क्लब कोई भी जगह ऐसी नहीं बची, जहां वोटरों को रिझाने के काम नहीं हो […]
बोकारो: सुबह की गुडमॉर्निग से लेकर रात के गुड नाइट तक, वादों और दिलाशाओं का सिलसिला चल पड़ा है. उम्मीदवार के समर्थक अधिकारियों को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दे रहे हैं. बीजीएच, ब्लास्ट फरनेंस या फिर बोकारो क्लब कोई भी जगह ऐसी नहीं बची, जहां वोटरों को रिझाने के काम नहीं हो रहा हो. हर उम्मीदवार अपने वोटर को तमाम जिंदगी आराम से गुजारने का आश्वासन दे रहा है.
बीएसएल से सेवानिवृत्त होने के बाद सबसे बड़ी समस्या आवास और पेंशन की है. सो इस बार भी हर बार की तरह यह मुद्दा छाया हुआ है. हर उम्मीदवार के घोषणा पत्र के साथ उनके मौखिक वादों में लीजिंग, हाउसिंग सोसाइटी या फिर सस्ती दर पर जमीन दिलाने की बात जरूर शामिल है. इन वादों के बाद ही दूसरे वादे किया जा रहे हैं. और आखिर में प्लांट के उत्पादन में आकर मामला खत्म हो रहा है.
बीएसएल अधिकारियों के लिए बनने वाली हाउसिंग सोसाइटी इस बार के लिए हॉट केक बना हुई है. कोई इसे पूरी तरह फ्लॉप तो कोई इसी तर्ज पर दूसरे प्रोजेक्ट लाने की बात कर रहा है. सोसाइटी के बाद लीजिंग की बात हो रही है, जो कई सालों से नहीं हो पायी है. इन मुद्दों के बाद इ-1 और इ-2 के सैलरी बढ़ोतरी, बीजीएच में अधिकारियों को अच्छी सुविधा मिले, कई दिनों से लटकी पेंशन का मुद्दा और बीएसएल के उत्पादन की गुणवत्ता पर काफी बल दिया जा रहा है.