जल संरक्षण के लिए क्रांति जरूरी

बोकारो: रोटरी क्लब बोकारो के प्रांगण में रविवार को जल संरक्षण विषय ‘जल है तो कल है’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह चौधरी ने किया. इससे पूर्व एमजीएम स्कूल, चिन्मय स्कूल, क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, अयप्पा पब्लिक स्कूल, जीजीपीएस व एसपीएस के बच्चों ने वाटर हार्वेस्टिंग पर अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

बोकारो: रोटरी क्लब बोकारो के प्रांगण में रविवार को जल संरक्षण विषय ‘जल है तो कल है’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह चौधरी ने किया. इससे पूर्व एमजीएम स्कूल, चिन्मय स्कूल, क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, अयप्पा पब्लिक स्कूल, जीजीपीएस व एसपीएस के बच्चों ने वाटर हार्वेस्टिंग पर अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत किये. इसके बाद रोटरी क्लब बोकारो में बने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को क्लब अध्यक्ष एसजे जावेद ने लोगों को दिखाया और जानकारी दी.

कार्यशाला में पूर्व जिला गवर्नर सुरेंद्र सिंह साहनी ने कहा कि कुछ दशक पहले खाने की कमी थी. हरित क्रांति ने इसे खत्म कर दिया. अब जल संरक्षण के लिए क्रांति चलाने का समय है. वर्तमान जिला गवर्नर राकेश प्रसाद ने जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक बनने की सलाह दी. कहा कि झारखंड में जल संरक्षण व भू-जल स्तर को बढ़ाने की जरूरत है.

झारखंड वाटर रिसोर्स विभाग रांची के उप निदेशक जयनाथ झा ने नदियों व तालाबों के अतिक्रमण पर चिंता जाहिर की. कहा कि शहर में बढ़ते निर्माण व डीप बोरिंग के कारण भी भू-जल स्तर नीचे जा रहा है. वर्षा जल के संरक्षण के लिए पीपीपी मॉडल पर काम करना जरूरी है.

बीजीएच चिकित्सक डॉ अनिरूद्ध बंदोपाध्याय ने लोगों को गंदे पानी से होने वाले रोग से बचाने के लिए कई उपाय बताये. मुख्य अतिथि मिहिर सिंह चौधरी ने कहा कि नदियों व तालाबों को फिर से जीवित और लोगों को जागरूकता करना होगा. उन्होंने कहा कि चास की पेयजल समस्या नवंबर-दिसंबर में खत्म हो जायेगी. जिला गवर्नर ने बेहतर मॉडल के लिए क्रिसेंट पब्लिक स्कूल को प्रथम, जीजीपीएस को द्वितीय और एमजीएम तृतीय पुरस्कार मिला. रोटेरियन संजय तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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