वेतन समझौता से लाभान्वित हो रहे हैं बीएसएल-सेल के 58000 कर्मी
समझौता को लेकर अनधिशासी कर्मचारी संघ ने उठाया सवाल, बोले मुख्य महाप्रबंधक एचआर सेल, बीएसएल-सेल गैर कार्यपालक कर्मियों के 2017 वेज रिवीजन पर जिज , 22 अक्तूबर 2021 को एनजेसीएस में एमओयू पर हस्ताक्षर को लेकर एनजेसीएस के अर्हता पर उठा था सवाल
बोकारो. वर्ष 2021 के 22 अक्तूबर को नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) में एमओयू पर हस्ताक्षर के संबंध में एनजेसीएस के कानूनी पात्रता पर सवाल उठ रहा है. इस संदर्भ में उस समझौते को रद्द करने की मांग हो रही है. इस मामले को लेकर मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ने कहा है कि उक्त समझौता को लागू करने से बीएसएल सहित सेल संयंत्रों की इकाइयों के लगभग 58000 कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं और उन्हें संशोधित वेतन मिल रहा है. ज्ञात हो कि कर्मियों का पिछला रिवीजन (2007 का रिवीजन) 10 वर्षों के लिए हुआ था, वहीं गैर-कार्यपालकों व श्रमिकों का पिछला रिवीजन 2012 में पांच वर्षों की अवधि के लिए था. इस प्रकार कार्यपालकों को 10 वर्ष की अवधि में केवल एक रिवीजन मिला, वहीं गैर- कार्यपालक/श्रमिकों को 2 रिवीजन (2007 व 2012) का लाभ मिला है.
एनजेसीएस में इंटक या इसके गुट के प्रतिनिधित्व को अस्वीकार करने का आदेश नहीं
जानकारी के अनुसार एनजेसीएस में यूनियन के प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर यह सहमति हुई थी कि वैसी यूनियन जो तीन सेंट्रल ट्रेड यूनियनों में से किसी एक से संबद्ध हैं और एनजेसीएस में प्रतिनिधित्व के संबंध में कोई विवाद है, तो उसका निर्णय स्वीकार किया जायेगा. ज्ञात हो कि एनजेसीएस में इंटक या इसके गुट के प्रतिनिधित्व को अस्वीकार करने के संबंध में भी श्रम और रोजगार या इस्पात मंत्रालय का कोई आदेश नहीं है. इसी नियम के तहत 2017 के वेतन संशोधन मामले पर एनजेसीएस की कई बैठकों में चर्चा हुई, जिसे 22 अक्तूबर 2021 को समझौता पर हस्ताक्षर के बाद मूर्त रूप दिया गया.परिवर्तनीय भत्ता सेल बोर्ड और इस्पात मंत्रालय की मंजूरी के बाद हुआ लागू
सेल के गैर कार्यपालक कर्मियों के वर्ष 2017 के वेज रिवीजन के मामले को लेकर बीएसएल अनधिशासी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिओम कुमार ने आइआर-भारत सरकार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) ओपी सिंह कार्यालय को अप्रैल 2024 में पत्र लिखा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि वेज रिवीजन के मामले को लेकर सेल प्रबंधन ने अपने जवाब में कई तथ्यों को छुपा लिया है. गलत तरीके से सिर्फ एमओयू को एमओए के रूप में प्रस्तुत किया है. मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सेल ने संघ की ओर से उठाये गये सवालों पर कहा है कि फिटमेंट लाभ एक जनवरी 2017 को मूल वेतन महंगाई भत्ते के 13% की दर से और संशोधित मूल वेतन के 26.5% की दर से परिवर्तनीय भत्ते को सेल बोर्ड और इस्पात मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के बाद 18 नवंबर 2021 को लागू किया गया है. संशोधित बेसिक डीए का लाभ एक जनवरी 2017 से सैद्धांतिक रूप से प्रभावी है और वास्तविक भुगतान एक अप्रैल 2020 से शुरू किया गया है, जबकि परिवर्तनीय भत्तों के तहत भुगतान इस्पात मंत्रालय की मंजूरी की तारीख यानी 18 नवंबर 2021 से और एमओयू के अनुरूप शुरू किया गया है. उक्त समझौता ज्ञापन में सहमति के लिए श्रमिकों व प्रबंधन प्रतिनिधियों की एनजेसीएस की एक उप-समिति गठित करने पर भी सहमति हुई थी. इसमें वेतनमान एक जुलाई 19 से एक जनवरी 2017, समझौता ज्ञापन का मसौदा तैयार करना, एचआरए, एचआरआर, कैफेटेरिया, एक जनवरी 2017 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए बकाया जारी करना आदि पर चर्चा करना था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है