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–त्रियोनाला में मलेरिया से बच्चे की मौत आठ पीड़ित हुए कसमार के अस्पताल में भर्तीप्रतिनिधि, कसमारकसमार प्रखंड के सुदूर हिसीम पहाड़ पर बसे गांवों में मलेरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को त्रियोनाला गांव में नरेश करमाली के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र विकास करमाली की मलेरिया से मौत हो गयी. […]

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–त्रियोनाला में मलेरिया से बच्चे की मौत आठ पीड़ित हुए कसमार के अस्पताल में भर्तीप्रतिनिधि, कसमारकसमार प्रखंड के सुदूर हिसीम पहाड़ पर बसे गांवों में मलेरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को त्रियोनाला गांव में नरेश करमाली के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र विकास करमाली की मलेरिया से मौत हो गयी. गांव अभी भी मलेरिया की चपेट में है. इनमें से आठ लोगों की स्थिति नाजुक होने पर कसमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्हें भर्ती किया गया है. कराया गया भर्ती : कसमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीजों में नमिता कुमारी-15 वर्ष, फूलमती देवी-25 वर्ष, संयोती देवी-25 वर्ष, गिरूबाला देवी-20 वर्ष, लीलमुनी देवी-45 वर्ष, संगीता कुमारी-12 वर्ष, गायत्री कुमारी-10 वर्ष, चुन्नु कुमारी-10 वर्ष शामिल हैं. सभी त्रियोनाला एवं केदला के निवासी हैं. इन सभी को भाजपा प्रखंड अध्यक्ष यदुनंदन जायसवाल, छोगालाल सिंह एवं बानेश्वर महतो के प्रयास से कसमार लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सांसद ने की पहल : उल्लेखनीय है कि रविवार को उपायुक्त मनोज कुमार ने प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था और अधिकारियों को कई दिशानिर्देश दिये थे. ग्रामीणों का आरोप है कि उपायुक्त के निर्देशों के अनुरूप अब-तक कोई काम नहीं हो पाया है. इधर, सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए अपने सांसद मद से फाल्सगो नामक 100 इंंजेक्षन उपलब्ध कराया है. सांसद प्रतिनिधि यदुनंदन जायसवाल ने बताया कि सांसद ने त्रियोनाला गांव में विद्युतीकरण की भी पहल की है. सांसद के निर्देश पर एसी से जाकर मुलाकात की गयी. एसी ने जल्द ही तार व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही है. बॉक्स:::जारी है मलेरिया का प्रकोप पेटरवार, प्रतिनिधि. पेटरवार प्रखंड की चरगी पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव दांदुबांध, रूकाम व एटके में मलेरिया का प्रकोप देखा जा रहा है. दांदुबांध के संजय हांसदा, प्रेमलाल हांसदा, चिंतामुनि कुमारी व सिमोती देवी, रूकाम के मनिराम मांझी व मनिराम की 15 वर्षीय पुत्री गुडिया कुमारी तथा एटके गांव के राजेंद्र चौंडे आदि मलेरिया से पीड़ित बताये जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि सभी मलेरिया पीड़ित निजी स्तर से झोलाछाप चिकित्सक से इलाज कराने को विवश हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन गरीबों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. सरकारी चिकित्सकों को सूचना देने के बावजूद न तो उनके गांवों में वे पहुंचते हैं और न ही कभी मलेरिया की रोकथाम के लिए दवाई का ही छिड़काव किया जाता है.

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