आराधना, आतिशबाजी और रोशनी
बोकारो: काली पूजा पंडालों व मंडपों में देर रात श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. पूजा के बाद बलि हुई. लोग ने भोग ग्रहण किया. चास-बोकारो के दर्जनों स्थलों पर मां काली की पूजा-अर्चना हुई. विधि-विधान से मां की प्रतिमा स्थापित की गयी और पट खुलने तक विधि विधान से पूजा होती रही. इधर दीयों की जगमग, […]
बोकारो: काली पूजा पंडालों व मंडपों में देर रात श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. पूजा के बाद बलि हुई. लोग ने भोग ग्रहण किया. चास-बोकारो के दर्जनों स्थलों पर मां काली की पूजा-अर्चना हुई.
विधि-विधान से मां की प्रतिमा स्थापित की गयी और पट खुलने तक विधि विधान से पूजा होती रही. इधर दीयों की जगमग, बिजली के बल्बों की कोने-कोने में रोशनी. आतिशबाजियां शाम ढलने से पहले जो शुरूहुई देर रात तक अनवरत जारी रही. छोटी-बड़ी, नयी-पुरानी प्रतिष्ठानों, शो-रूम, सभी जगह की लाइटिंग देखते बन रही है. दीपावली को ले चास-बोकारो रोशनी से नहा गया है. घर-घर में आकर्षक लाइटिंग की गयी है. बच्चों ने शनिवार की शाम से ही आतिशबाजी शुरू कर दी
घर-घर में बनी रंगोली
घर-घर में आकर्षक रंगोली भी बनायी गयी है. शनिवार को महिलाएं दिन भर रंगोली के निर्माण में व्यस्त रहीं. कई लोगों ने रंगोली के स्टिकर को लेकर घर में चिपकाया है. बाजार में रंग-बिरंगा छोटी-बड़ी सभी आकार की रंगोली बिक रही है. इसके अलावा साज-सजावट की सामग्री से घरों को सजाया गया है. दीया के थाली की आकर्षक सजावट गयी.