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गांवों को पीछे छोड़ आगे नहीं बढ़ सकता है देश

चास: देश को विकसित बनाने से पूर्व में गांवों में हरियाली लाना जरूरी है. तभी देश का संपूर्ण विकास होगा. इस दिशा में सभी को प्रयास करना पड़ेगा, तभी गांवों में हरियाली आ सकती है. ऐसे तो सरकार की दर्जनों योजनाएं चल रही है, लेकिन जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की जनता इनका लाभ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 7:56 AM

चास: देश को विकसित बनाने से पूर्व में गांवों में हरियाली लाना जरूरी है. तभी देश का संपूर्ण विकास होगा. इस दिशा में सभी को प्रयास करना पड़ेगा, तभी गांवों में हरियाली आ सकती है. ऐसे तो सरकार की दर्जनों योजनाएं चल रही है, लेकिन जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की जनता इनका लाभ नहीं ले पा रही है.

यह कहना है भारत परिक्रमा पदयात्री संत श्री सीताराम का. वह बुधवार को चास स्थित भागा बाजार में पत्रकारों से बात कर रहे थे. कहा : ग्रामीण क्षेत्र में किसानों व शिल्पकारों को जागरूक करने के उद्देश्य से कन्याकुमारी से गत नौ अगस्त 2012 को भारत परिक्रमा पदयात्रा शुरू की गयी है. उन्होंने अभीतक 13 हजार किलोमीटर का सफर तय कर लिया है. इस दौरान लाखों किसानों व शिल्पकारों को जागरूक करने का प्रयास किया. संत श्री सीताराम ने बताया कि आज गांवों से शहर में जाने का क्रम तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए परंपरागत व्यवस्थाएं टूट रही है. ग्राम रचना पुन: स्थापित हो. ग्रामीण संस्कार संस्कृति, रीति रिवाज, बोली भाषा के संरक्षण व सवर्द्धन के लिए ही पदयात्रा शुरू की गयी है.

उन्होंने कहा कि भारत ग्राम व कृषि आधारित देश है, लेकिन गांवों के सही विकास नहीं होने पर ग्रामीण जनता शहरों की ओर दौड़ती है. इसको रोकना जरूरी है. कहा : गांधीजी का भी कहना था कि यदि किसी एक व्यक्ति ने अपने ग्राम को आदर्श ग्राम बना दिया तो मैं समझूंगा कि उसने संपूर्ण भारत को आदर्श बना दिया. मौके पर रविशंकर कुमार, अमित, लक्ष्मण मंडल, राजीव मिश्र, रवींद्र नाथ, नरेंद्र राय, मनोज रत्न, संजय सहित अन्य मौजूद थे.

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