एसडीपीओ पहुंचे पीड़ित के घर, जाना सच

गोमिया/बोकारो: प्रभात खबर में “निर्दोष लक्ष्मण गोप जेल में, आजाद घूम रहा आरोपी लक्ष्मण यादव” शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद गुरुवार को बोकारो जिला पुलिस रेस हुई. बोकारो के एसपी वाइएस रमेश ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए इसकी जांच का जिम्मा बेरमो एसडीपीओ नीरज कुमार को सौंपा. एसपी के निर्देश पर गुरुवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 8:01 AM
गोमिया/बोकारो: प्रभात खबर में “निर्दोष लक्ष्मण गोप जेल में, आजाद घूम रहा आरोपी लक्ष्मण यादव” शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद गुरुवार को बोकारो जिला पुलिस रेस हुई. बोकारो के एसपी वाइएस रमेश ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए इसकी जांच का जिम्मा बेरमो एसडीपीओ नीरज कुमार को सौंपा.

एसपी के निर्देश पर गुरुवार को दिन में करीब 11 बजे बेरमो एसडीपीओ श्री कुमार पूरे दलबल के साथ लक्ष्मण गोप के स्वांग स्थित घर पहुंचे. साथ में गोमिया पुलिस की टीम भी थी. उन्होंने लक्ष्मण गोप के परिजनों से पूरी घटना की जानकारी ली. जेल में बंद लक्ष्मण गोप की मां शहोदरी देवी, पत्नी पुनवा देवी व पुत्र लखन ने श्री कुमार को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.

जोर-जोर से रोने लगे पत्नी और बेटा : एसडीपीओ श्री कुमार जैसे ही अपनी गाड़ी से नीचे उतर कर लक्ष्मण गोप की घर की तरफ बढ़े, लक्ष्मण गोप की पत्नी और बेटा जोर-जोर से रोने लगे. लखन, जो अपने निर्दोष पिता के लिए लड़ाई लड़ रहा है, एसडीपीओ श्री कुमार के पैरों पर गिर पड़ा. बेटे को एसडीपीओ श्री कुमार के पैर छूते देख लक्ष्मण गोप की पत्नी भी उनके पैरों पर गिर पड़ी. एसडीपीओ श्री कुमार ने दोनों को ऐसा करने से मना किया.
श्री कुमार ने कहा कि वेलोग अपनी पूरी बात बतायें, पुलिस उनके साथ है. लक्ष्मण गोप की 70 वर्षीय मां अपने पोते और बहु को रोता देख जोर-जोर से रोने लगीं. इधर, घर के बाहर और भी रिश्तेदार बैठे थे. सबके चेहरे पर न्याय की आस में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. दूसरी तरफ सभी की आंखों से आंसू बाहर आने को भी बेताब थे. सभी एसडीपीओ श्री कुमार के पास पहुंचे और एक साथ अपनी बात रखनी शुरू की. मानो इनकी किसी ने आज तक सुनी नहीं. एसडीपीओ श्री कुमार के साथ आये पुलिसकर्मियों ने परिवारवालों को एक-एक कर अपनी बात रखने को कहा. तब जाकर लक्ष्मण गोप के बेटे लखन ने सारे पिता के बेगुनाही के सारे सबूत एसडीपीओ श्री कुमार के सामने रखे.
‘साहब मेरा बाप चोर नहीं है’
लक्ष्मण गोप के बेटे लखन ने कहा कि ‘साहब मेरा बाप चोर नहीं है.’ लखन ने सरकारी वोटर लिस्ट लाकर एसडीपीओ श्री कुमार को दिखायी, जिसमें असली आरोपी लक्ष्मण यादव का पूरा पता दर्ज है. लखन ने मोबाइल फोन की वह रिकॉर्डिंग भी सुनायी, जिसमें लखन असली आरोपी लक्ष्मण यादव से पुलिस के सामने सरेंडर करने को कह रहा है. उस मुलाकात के बारे भी बतायी, जो स्वांग के हवाई अड्डे पर आरोपी लक्ष्मण यादव से हुई थी. लखन ने वे सारे कागजात लाकर सौंपे, जो लक्ष्मण गोप को निर्दोष बता रहे थे. मौके पर मौजूद लखन के एक शुभचिंतक ने एसडीपीओ श्री कुमार के व्हाट्सअप पर सारे कागजात के फोटो और असली आरोपी लक्ष्मण यादव से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग फॉर्वड की. एसडीपीओ श्री कुमार ने उनके परिवार को बताया कि ‘जैसे मैं यहां आकर सारे पहलुओं की जांच कर रहा हूं. उसी तरह हजारीबाग में भी वहां के डीएसपी जांच के लिए जायेंगे.’
उम्मीद की किरण
करीब आधे घंटे तक पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद एसडीपीओ श्री कुमार का काफिला वहां से रवाना हुआ. काफिले की रवानगी के समय गाड़ियों से उड़ती धूल के साथ एक उम्मीद की किरण भी अब लक्ष्मण गोप के परिवारवालों के चेहरे पर थी. दो से तीन मिनट के बाद घरवालों के चेहरे पर खुशी के साथ-साथ यह सवाल भी था कि क्या जिस अंधे कानून के शिकंजे में फंस उसके घर का मुखिया निर्दोष होने के बावजूद जेल में कैद है, वही कानून अब उनके लिए अच्छे दिन लेकर आयेगा ?
सूद पर 50,000 रुपये कर्ज लेकर खर्च कर चुके हैं
लक्ष्मण गोप के परिजनों ने प्रभात खबर से बताया कि घटना के बाद से हम सभी काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. लक्ष्मण गोप को रिहा कराने में अब तक 50,000 रुपये सूद में कर्ज लेकर खर्च कर चुके हैं. इसके अलावा करीब 15-20 हजार रुपये और खर्च हुए हैं. लक्ष्मण गोप की पत्नी पुनवा देवी ने कहा-‘मैं नि:शक्त हूं. मेरे परिवार में मेरे पति ही काम करने वाले थे, जो घर-परिवार चलाते थे. जब से जेल गये हैं, तब से कई शाम हमलोगों के घर में चुल्हा नहीं जला है.’ यह बोलते-बोलते पुनवा देवी फफक कर रो पड़ी.
धैर्य रखें, न्याय मिलेगा
एसडीपीओ श्री कुमार ने लक्ष्मण गोप के परिवार वालों को आश्वासन दिया कि ‘आप लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. जल्द ही असली आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा.’ लक्ष्मण गोप की मां ने एसडीपीओ श्री कुमार से कहा-‘साहब हमलोगों को न्याय चाहिये. दो माह से कैसे जीवन बीता रहे हैं, हम लोग हीं जानते हैं. कई लोगों ने इस मामले में मदद की बात कही, मगर कुछ नहीं हुआ.’ श्री कुमार ने कहा-‘धैर्य रखें, बहुत जल्द आरोपी जेल में होगा. आपके पुत्र लक्ष्मण गोप को न्याय मिलेगा और वह जेल से रिहा होंगे.’
प्रभात खबर में छपी खबर के बाद मुझे जानकारी मिली कि गोमिया की तीसरी पंचायत निवासी लक्ष्मण यादव की जगह पुलिस ने गोमिया के स्वांग निवासी लक्ष्मण गोप को जेल भेज दिया है. इसके बाद एसडीपीओ नीरज कुमार को हजारीबाग पुलिस के साथ मिल कर मामले की जांच का आदेश दिया गया है. जांच में जो भी सत्य पाया जायेगा, उससे हजारीबाग पुलिस को अवगत कराया जायेगा. लक्ष्मण गोप निर्दोष पाया गया, तो उसे जेल से छुड़वाने व सही अभियुक्त को जेल भेजने का काम पुलिस करेगी. चूंकि यह मामला हजारीबाग के चौपारण थाना का है. इस कारण जांच में हजारीबाग पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी.
वाइएस रमेश, एसपी, बोकारो

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