संतोष पांडेय हत्याकांड में झारखंड के शिक्षा मंत्री के भाई समेत 7 दोषी करार, 3 बरी
Jharkhand news, Bokaro news, तेनुघाट (बोकारो) : झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत नावाडीह थाना क्षेत्र के अलारगो में 20 मार्च, 2014 को घटित संतोष पांडेय हत्याकांड में सोमवार (04 जनवरी, 2021) को जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने अपना फैसला सुनाया. इसके तहत 10 आरोपी में से बैजनाथ महतो, गणेश भारती, नेमी पूरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी एवं केवल महतो को दोषी करार दिया गया, जबकि 3 आरोपी सत्येंद्र गिरी, मेघलाल पूरी एवं सूरज पूरी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया.
Jharkhand news, Bokaro news, तेनुघाट (बोकारो) : झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत नावाडीह थाना क्षेत्र के अलारगो में 20 मार्च, 2014 को घटित संतोष पांडेय हत्याकांड में सोमवार (04 जनवरी, 2021) को जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने अपना फैसला सुनाया. इसके तहत 10 आरोपी में से बैजनाथ महतो, गणेश भारती, नेमी पूरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी एवं केवल महतो को दोषी करार दिया गया, जबकि 3 आरोपी सत्येंद्र गिरी, मेघलाल पूरी एवं सूरज पूरी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया.
सभी सातों अभियुक्तों में से एक अभियुक्त बैजनाथ महतो पूर्व से जेल में बंद है तथा अन्य 6 को दोषी पाने के बाद हिरासत में लेकर तेनुघाट जेल भेज दिया गया. सजा के बिंदु पर 12 जनवरी को सुनवाई होगी. कोरोना काल में भी इस मामले की बहस लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जारी रही.
मालूम हो कि सूचक अनंत लाल पांडे के लिखित आवेदन पर नावाडीह थाना कांड संख्या 55/14 दर्ज किया गया था. जिसमें अनंत लाल पांडे ने अपने आवेदन में बताया था कि उसके छोटे भाई संतोष कुमार पांडे की हत्या पीट-पीटकर कर दी गयी थी. डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो के आवास से थोड़ी दूर पर स्थित मंदिर के समीप जनता दरबार स्थल के सामने घटना को अंजाम दिया गया.
विधायक के भाई बैजनाथ महतो की अगुवाई में जितेंद्र पुरी, नेमी पूरी, गणेश भारती, कैलाश पुरी, केवल महतो, मेघलाल पुरी, सूरज पूरी द्वारा अमानवीय ढंग से बुरी तरह से पीटा गया. इस दौरान लोगों ने सूचक के भाई को मारते- मारते बेहोश कर दिया. उसके बाद उसके इलाज के लिए डीवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन, इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी. उक्त बयान के आधार पर नावाडीह थाना में मामला दर्ज किया गया.
अनुसंधान के क्रम में 10 अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. शिक्षा मंत्री को भी तब इस मामले में आरोपी बनाया गया था, लेकिन घटना के तत्काल बाद अनुशंधान (एसआईटी जांच) के क्रम में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलने पर उन्हें इस मामले से क्लीन चीट दिया गया.
7 साल में 34 गवाहों का बयान हुआ दर्ज
अनुसंधान के बाद उपरोक्त 10 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र हत्या के मामले में दर्ज किया गया. आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन के न्यायालय में आया. जहां 10 अभियुक्त के विरुद्ध हत्या का धारा 302/34 में आरोप गठन किया गया. मामले की सुनवाई लगभग 7 वर्षों में पूरी हुई. इस दौरान अभियोजन की ओर से 34 गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज किया गया. गवाहों के बयान, उपलब्ध साक्ष्य एवं परस्थिति को देखते हुए न्यायालय में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखें. जिसमें न्यायालय ने 7 अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी पाया तथा 3 अारोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा किया. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह तथा सफाई पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण डे, कुमार अनंत मोहन सिन्हा एवं अरुण कुमार सिन्हा ने बहस किया.
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मृतक पर भी दर्ज किया गया था अपहरण का मामला
अलारगो गांव निवासी गणेश भारती ने अपनी बहन का अपरहण कर लिए जाने का मामला संतोष पांडेय के विरुद्ध नावाडीह थाना कांड संख्या 52-14 के तहत दर्ज कराया था. जिसमें मृतक पर युवती को 14 मार्च, 2014 को अपहरण कर भगा ले जाने का आरोप था. लेकिन, घटना के बाद आरोपी की मौत हो जाने के बाद यह मामला समाप्त कर दिया गया. युवती की बरामदगी के बाद न्यायालय में दप्रस की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया था.
Posted By : Samir Ranjan.