पीरियड्स के दौरान 70% महिलाएं नहीं रखतीं साफ-सफाई का ध्यान
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर विशेष : हाइजीन ना रखने पर हो सकते हैं कुछ इंफेक्शंस
रंजीत कुमार, बोकारो, सामान्य शारीरिक प्रक्रिया मासिक धर्म या पीरियड्स है. यह कुदरती है. मासिक धर्म से गुजरने वाली महिलाएं या युवतियों को हाइजीन का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए. साफ-सफाई व स्वच्छता में लापरवाही जानलेवा बीमारियों के करीब ले जाता है. महिला चिकित्सकों के अनुसार शिक्षित होने के बाद भी 70 प्रतिशत महिलाओं में साफ-सफाई व पैड को लेकर जागरूकता की कमी है. मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. गर्मी व पसीने की वजह से अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है. मासिक धर्म के दौरान सफाई का ध्यान नहीं रखने पर कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. बोकारो में मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई को लेकर महिलाओं व युवतियों को आइएमए की मिशन पिकं हेल्थ विंग जागरूक कर रहा है. मासिक धर्म में स्वच्छता बरतने व जागरूकता को लेकर 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है.
डॉ मीता व डॉ अनुप्रिया की जोड़ी ने डेढ़ लाख महिलाओं व युवतियों को किया जागरूक
मिशन पिंक हेल्थ की स्टेट वाइस चेयरमैन सह आइएमए चास की पूर्व अध्यक्ष डॉ मीता सिन्हा व आइएमए चास की सचिव डॉ अनुप्रिया पंकज ने पांच मई 2019 को बोकारो में मिशन पिंक हेल्थ की शुरुआत की. अभियान का मकसद मासिक धर्म के दौरान महिलाओं व युवतियों में आनेवाली परेशानियों से निजात दिलाना था. अभियान की गति कोरोना काल में भी नहीं थमी. लगभग छह साल में अब (मई 2024 के तीसरे सप्ताह) तक बोकारो जिला के सभी सरकारी व निजी स्कूलों सहित स्लम एरिया की लगभग डेढ़ लाख महिलाओं व युवतियों तक अभियान पहुंचाया है. डॉ मीता व डॉ अनुप्रिया ने खुद के पैसे व साथी के सहयोग से हजारों सेनेटरी पैड, आयरन व विटामिन टेबलेट का वितरण किया.किसी भी हाल में नहीं करें कपड़े का उपयोग : डॉ रश्मि
चास अनुमंडल अस्पताल में पदस्थापित स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि मेधा भी नि:शुल्क सैनेटरी पैड बांटती है. जहां भी सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य कैंप लगता है. महिलाओं व लड़कियों से संपर्क कर सैनेटरी पैड बांटती है. डॉ मेधा ने कहा कि महिलाएं खुलकर पीरियड्स से संबंधित बातें नहीं करती हैं. ऐसे में पैड के चयन में गंभीरता नहीं बरत पाती है. कपड़े का उपयोग करती है. जो हानिकारक है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हानिकारक होते है. पैड के उपयोग से बीमारी को रोका जा सकता है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से डिस्पोजबल पैड का उपयोग करना फायदेमंद होता है.सेनेटरी पैड पहनने के फायदे :
पैड महिलाओं को संक्रमण से बचाने में मदद करता है. नियमित पैड का उपयोग से महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. पैड का उपयोग करने पर महिलाएं अपने आप को साफ व स्वच्छ रख सकती हैं. कपड़े के पैड की अपेक्षा सेनेटरी पैड का उपयोग अधिक सुरक्षित होता है.सेनेटरी पैड का प्रयोग महिलाओं के लिए बहुत ही आसान होता है.
सफाई नहीं रखने पर होने वाली बीमारी
डर्मेटाइटिस : मासिक धर्म के दौरान सफाई का ध्यान ना रखा जाये, तो स्किन से संबंधित परेशानी हो सकती है. इससे डर्मेटाइटिस होता है. इसमें स्किन में सूजन, स्किन लाल व फोड़े-फुंसियां हो जाती हैं. यूटीआइ : अगर यूरेथ्रा में बैक्टीरिया का प्रवेश कर जाये, तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआइ) का खतरा रहता है. जो जानलेवा है. समय रहते इलाज न किया जाये, तो किडनी डैमेज हो सकती है. वजाइना को नुकसान : बैक्टीरिया के बढ़ने से जेनिटल ट्रैक्ट के हिस्से में इंफेक्शन का खतरा रहता है. इस कारण वजाइना को नुकसान पहुंचता है. इससे खतरनाक बीमारी की संभावना बढ़ जाती है. सर्वाइकल कैंसर : यूटीआई व रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. इससे सर्वाइकल का कैंसर होता है. जो एचपीवी वायरस की वजह से होता है. बांझपन का खतरा : मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई न बरतने से कई बीमारियों का जन्म होता है. इस वजह से गर्भाशय को नुकसान पहुंचता है. इससे महिलाओं में बांझपन की संभावना बढ़ जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है