बीजीएच: मौत के बाद हो जाता है हंगामा शुरू
बोकारो : आम लोगों के लिए मुसीबत में बोकारो जेनरल अस्पताल ही सहारा बनता है. यहां एससीबीयू स्पेशल केयर बेबी यूनिट, क्रिटिकल केयर यूनिट, आइसीयू, इंसेंटिव बर्न यूनिट, न्यूरो सर्जरी का आइसीयू, एमआर आइ, अत्याधुनिक आइ विभाग उपलब्ध है. चरणबद्ध तरीके से अत्याधुनिक सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है. हर साल 42 हजार लोग […]
बोकारो : आम लोगों के लिए मुसीबत में बोकारो जेनरल अस्पताल ही सहारा बनता है. यहां एससीबीयू स्पेशल केयर बेबी यूनिट, क्रिटिकल केयर यूनिट, आइसीयू, इंसेंटिव बर्न यूनिट, न्यूरो सर्जरी का आइसीयू, एमआर आइ, अत्याधुनिक आइ विभाग उपलब्ध है. चरणबद्ध तरीके से अत्याधुनिक सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है.
हर साल 42 हजार लोग होते हैं दाखिल : अस्पताल में हर साल ओपीडी में आठ लाख 70 हजार मरीजों की जांच की जाती है. वार्ड में हर साल 42 हजार लोग इलाज के लिए दाखिल होते हैं. 22 फरवरी को चिकसिया में हुई सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मौत बीजीएच में हो गयी. इसके लिए परिजनों ने चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को दोषी बताया. ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं, जब मौत पर लापरवाही बता कर हंगामा शुरू कर दिया जाता है.