बच्चों को ढाल बनाते हैं नक्सली : एसपी

बोकारो : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के सदस्य अब पुलिस से बचने के लिए महिलाओं व बच्चों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. नक्सली संगठन आठ से 15 वर्ष तक के बच्चों को भी जबरन अपने ग्रुप में साथ लेकर चल रहे हैं, ताकि मुठभेड़ के समय पुलिस से कमजोर पड़ने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2016 5:18 AM

बोकारो : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के सदस्य अब पुलिस से बचने के लिए महिलाओं व बच्चों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. नक्सली संगठन आठ से 15 वर्ष तक के बच्चों को भी जबरन अपने ग्रुप में साथ लेकर चल रहे हैं, ताकि मुठभेड़ के समय पुलिस से कमजोर पड़ने पर उन्हें सामने खड़ा कर भाग सकें. इस बात का खुलासा नक्सली संगठन से मुक्त हुए दो बालकों ने किया है.

यह जानकारी गुरुवार को एसपी वाइएस रमेश व सीआरपीएफ कमांडेंट डाॅ संजय सिंह ने पत्रकारों को दी. एसपी ने बताया बच्चों ने गत सात फरवरी को झुमरा पहाड़ क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गये नक्सली की भी पहचान की है. मारा गया नक्सली महुआटांड़ थाना क्षेत्र के ग्राम असनापानी निवासी देव लाल (19 वर्ष) है. वह 19 दिन पहले ही नक्सली कमांडर संतोष महतो के ग्रुप में शामिल हुआ था. उसने हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी नहीं लिया था. देव लाल नक्सली संगठन में हथियार ढोता था. इसी दौरान गत सात फरवरी को वह मुठभेड़ में मारा गया.
माओवादियों ने हर घर से मांगा बच्चा : पेज दो पर
नक्सलियों के चंगुल से मुक्त हुए बालकों ने सुनायी व्यथा
नक्सली कमांडर संतोष महतो के ग्रुप में सामान ढोते थे बालक
मुठभेड़ के समय दोनों बालकों को ढाल बना कर भाग गये नक्सली
सात फरवरी की मुठभेड़ में मारे गये नक्सली की हुई पहचान
दोनों बालक का नामांकन अच्छे स्कूल में करा कर उनका भविष्य संवारा जायेगा. उनके माता-पिता का भी पता लगाया जा रहा है.
वाइएस रमेश, एसपी, बोकारो
कोई भी व्यक्ति अब संगठन में जाना नहीं चाहता है. इस कारण नक्सली संगठन माता-पिता की अनुपस्थित में उनके बच्चे को उठा ले रहे हैं.
डा‍ॅ संजय सिंह, कमांडेंट, सीआरपीएफ 26 बटालियन

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