स्कूल चलें अभियान के पहले पानी भरो अभियान
चास : जिले में आठ से 30 अप्रैल तक स्कूल चलें-चलायें अभियान चल रहा है. लेकिन इस भीषण गरमी में सुबह से ही बच्चे पानी भरो अभियान में लग जाते हैं. सिलसिला दिन भर और शाम तक चलता है. पहले पानी का जुगाड़ हो तब न स्कूल जाएं. आइटीआइ मोड़ चास, सुबह साढ़े आठ बजे […]
चास : जिले में आठ से 30 अप्रैल तक स्कूल चलें-चलायें अभियान चल रहा है. लेकिन इस भीषण गरमी में सुबह से ही बच्चे पानी भरो अभियान में लग जाते हैं. सिलसिला दिन भर और शाम तक चलता है. पहले पानी का जुगाड़ हो तब न स्कूल जाएं.
आइटीआइ मोड़ चास, सुबह साढ़े आठ बजे
चास आइटीआइ मोड़ के इलाके में जल संकट है. यहां के लोग आइटीआइ मोड़ पर लगे सरकारी चापाकल पर निर्भर हैं. इस क्षेत्र के अधिकतर सरकारी स्कूलों के बच्चे स्कूल नहीं जाकर साइकिल से पानी लाने में दिन भर व्यस्त रहते हैं.
तेलीडीह बस्ती, सुबह नौ बजे
ये तेलीडीह बस्ती के बच्चे हैं. बस्ती के अधिकतर चापाकल और कुएं सूख गये हैं. इनके अभिभावक दैनिक मजदूरी के लिए सुबह ही चले गये हैं. घर में पानी भरने की जिम्मेवारी इन्हीं की है. बच्चे स्कूल नहीं जाकर पानी भरने में लगे हैं.
आदर्श कॉलोनी, सुबह सवा नौ बजे
गरगा नदी के किनारे आदर्श कॉलोनी है. इसके बाद भी यहां के कुएं और चापाकल से पानी नहीं मिल रहा है. कॉलोनी के बच्चे पानी जुटाने में लगे हैं. साइकिल में गैलन लेकर निकल गये है पानी भरने. जहां मिल जाये.