डैम में डूबने से युवक की मौक
भाई समेत पांच दोस्त भी नवनियुक्त बीएसएल कर्मी गुंजन को डूबने से नहीं बचा पाये बालीडीह : अब तो मेरा बाबू नहीं बचेगा रे़ .. इतना देर हो गया़… मुझे भी डैम में मर जाने दो रे बाबू़… जवान बेटे की मौत पर मां की चीख मौके पर मौजूद लोगों की आंखें भर दे रहीं […]
भाई समेत पांच दोस्त भी नवनियुक्त बीएसएल कर्मी गुंजन को डूबने से नहीं बचा पाये
बालीडीह : अब तो मेरा बाबू नहीं बचेगा रे़ .. इतना देर हो गया़… मुझे भी डैम में मर जाने दो रे बाबू़… जवान बेटे की मौत पर मां की चीख मौके पर मौजूद लोगों की आंखें भर दे रहीं थीं. बालीडीह स्थित गरगा डैम के फाटक के समीप बनसिमली क्षेत्र में बोकारो सेक्टर वन के कैंप टू (क्वार्टर संख्या 1 डी/15) निवासी गुंजन (20 वर्ष)पिता स्व प्रमोद कु राय की मौत रविवार को करीब पौने ग्यारह बजे पानी में डूबने से हो गयी.
जाल पर टिकीं थीं निगाहें : बनसिमली सहित क्षेत्र के ग्रामीण, मृतक के पड़ोसी आदि दर्जनों लोगों की भीड़ गरगा डैम के पास मौजूद थी. सभी की आंखें पानी में गुंजन के शव को निकालने के लिए गोताखोरों द्वारा फेंके जा रहे जाल पर टिकीं थीं. दिन ढलने को था. शाम करीब छह बजे खेतको से गोताखोरों की टीम पहुंची. गोताखोरों ने भी करीब आधा घंटे शव को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. सूरज ढल चुका था.
दूसरे दिन निकला शव : सोमवार को भी लोगों की काफी भीड़ जमा हो गयी. गोताखोर शव निकालने के लिए दिन के करीब आठ बजे पानी में गये. करीब 15 से 20 मिनट में ही गोताखोरों ने शव को बाहर खींच निकाला इकलौती बहन व भाई नंदन (बिट्टू) सहित अन्य परिजन बेहाल थे. इस बीच बालीडीह पुलिस शव को कब्जा में लेकर कागजी कार्रवाई में जुट गयी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
ऐसे हुई घटना : मृतक गुंजन के दोस्तों (अंकुश, दीपक, विशाल, दीपक) एवं भाई नंदन ने बताया कि वे नहाने के लिए घर में बिना बताये दिन के साढ़े नौ बजे गरगा डैम को निकले. कहा कि सप्ताह-दस दिनों में वे लोग प्राय: डैम में नहाने आया करते थे. रविवार को भी वे डैम पहुंचे थे. कहा कि एक छोर से दूसरे छोर तक वे सब पानी में चल कर निकले. दीपक पानी में गहराई नापने लगा. गुंजन भी साथ गया. सभी ने गुंंजन को पानी में जाने से रोका.
लेकिन उसने माना नहीं. पानी के अंदर दलदल में पैर फंस जाने से गुंजन छटपटाने लगा. दीपक ने उसे सहारा देने की कोशिश की, लेकिन जब गुंजन ने दीपक को पकड़ा तो वो भी डुबने लगा. किसी तरह दीपक वहां से बच निकला. घटना के दौरान नंदन भी भाई को बचाने कूद पड़ा. हाथ तो बढ़ाया, पर तब तक देर हो चुकी थी. गुंजन डूब चुका था. दोस्तों ने आसपास स्नान कर रहे ग्रामीणों से मदद को चिल्लाया, लेकिन जब तक ग्रामीण पहुंचते गुंजन पूरी तरह जलमग्न हो चुका था. मृतक समेत किसी भी युवा को तैरना नहीं आता था.
आश्रित के रूप में हुई थी ज्वाइनिंग : मृतक मूलरूप से बिहार रोहतास जिला के ग्राम भोवरा, पोस्ट मदरनराय केपिपरा का निवासी है. बताया जाता है कि करीब एक डेढ़ वर्ष पूर्व ही गुंजन के पिता प्रमोद कु राय की मृत्यु हुई थी. वे बीएसएल कर्मी थे. उनकी मौत के बाद 12 अप्रैल को आश्रित के रूप में गुंजन को ज्वाइनिंग लेटर मिला था. दो भाइयों में गुंजन घर का बड़ा बेटा था. 15 अप्रैल को उनसे बीएसएल ज्वाइन किया.
गोताखोरों की कमी खली : घटनास्थल पर मौजूद झामुमो महानगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा कि जिला मुख्यालय में आज पांच गोताखोर भी होते तो शायद गुंजन को बचाया जा सकता था. घटना दिन के ग्यारह बजे हुई, लेकिन गोताखोर शाम करीब पौने छह बजे पहुंचे. जिला मुख्यालय में गोताखोरों की व्यवस्था होती तो शायद आज कुछ और ही रूप होता. इसके साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन से कम से कम पांच गोताखोरों को स्थायी करने की मांग की ताकि आसपास की ऐसी दुर्घटनाओं में समय रहते किसी की जान बचायी जा सके.
गोताखोरों की टीम: खेतको निवासी महताब आलम, नियाज अंसारी, मुनव्व्वर अाजाद, हसन, दिल मोहम्मद, बदरे रजा, कयामुद्दीन, मुमताज अंसारी, करीम, मुमताज साह, कमरूल जमा, जिबरेल, सरमद सहित 11 लोगों की टीम ने शव को पानी से खोज कर बाहर निकाला.