बोकारो : को-ऑपरेटिव कॉलोनी स्थित कृष्णा नर्सिंग होम में लैक्टेशन मैनेजमेंट पर शनिवार को कार्यशाला हुई. उद्घाटन मुख्य अतिथि आइएमए चास कोषाध्यक्ष डॉ संगीत कुमार, विशिष्ट अतिथि डॉ आरके पाठक, स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ कुसुम प्रकाश, न्युट्रिसिया एडवाइजर शैलेंद्र राय ने संयुक्त रूप से किया. डॉ कुमार ने कहा : नवजात के लिए मां का दूध सर्वोत्तम है. जानकारी के अभाव में दूध की पहली धार महिलाएं फेंक देती है.
असल में दूध की पहली धार अमृत के समान है. यही नवजात को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. साथ ही माता को भी बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है. स्लाइड के जरिये स्तनपान की विधि भी बतायी गयी.
स्तनपान कराने से खराब नहीं होता है फिगर : डॉ पाठक ने कहा : आज के समय में महिलाएं नवजात को अपना दूध देने से परहेज करती हैं. वह समझती हैं कि उनका फिगर खराब हो जायेगा. सुंदरता घट जायेगी. जबकि ऐसा नहीं है. होता इसके उलट है. आज स्थिति ऐसी बन गयी है कि नवजात मां के दूध के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.
डॉ प्रकाश ने कहा : मां का दूध बच्चे की सेहत के लिए सबसे बेहतर होता है, जो बच्चे छह से आठ माह तक के होते हैं. उन्हें दूध कई मायने में नया जीवन प्रदान करता है. इससे मानसिक विकास तेजी से होता है. बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय से होने वाली ब्लीडिंग कम हो जाती है. मां के दूध में विटामिन, फैट व प्रोटीन के साथ सुपाच्य भी होता है. साथ ही एंटीबॉडीज होते हैं, जो किसी भी इंफेक्शन व बीमारी से बचाता है. मौके पर वीणा कुमारी, संगीता कुमारी, गौतम कुमार, प्रकाश कुमार सहित स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.