बीएसएल : होगी कर्मियों की कार्यक्षमता की समीक्षा
बोकारो: बीएसएल प्रबंधन ने उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने व घाटा को पाटने के लिए कई तरह के कदम उठाये हैं. इसी क्रम में प्रबंधन ने कंपलसरी रिटायरमेंट (सीआर) योजना लागू कर दी है. इससे संबंधित सर्कुलर 20 जून को जारी हो चुका है. इसका निर्णय सेल निदेशक मंडल की 428वीं बैठक में लिया गया है. […]
बोकारो: बीएसएल प्रबंधन ने उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने व घाटा को पाटने के लिए कई तरह के कदम उठाये हैं. इसी क्रम में प्रबंधन ने कंपलसरी रिटायरमेंट (सीआर) योजना लागू कर दी है. इससे संबंधित सर्कुलर 20 जून को जारी हो चुका है. इसका निर्णय सेल निदेशक मंडल की 428वीं बैठक में लिया गया है.
सीआर से संबंधित विस्तृत जानकारी बीएसएल के इंट्रानेट पर उपलब्ध है. यहां उल्लेखनीय है कि बीएसएल में सीआर की चर्चा उसी समय से चल रही थी, जब से बीएसएल करोड़ों रुपये के घाटे में चला गया था. सीआर योजना के तहत समय-समय पर कर्मियों की कार्यक्षमता की समीक्षा की जायेगी. अगर कर्मी की कार्यक्षमता में लगातार गिरावट आती रही, तो वैसे कर्मी को सीआर दिया जायेगा. मतलब, काम से जी चुराने वाले, नियमित ड्यटी नहीं करने वाले, लंबे समय से अस्वस्थ रहने वाले, ड्यूटी से बंक मारने वाले व कार्यस्थल पर गप हांकने वाले कर्मी की अब खैर नहीं. कर्मियों की काम की समीक्षा कर सीआर दिया जायेगा. सीआर से संबंधित सर्कुलर जारी होने की सूचना की चर्चा बुधवार को देर शाम तक चौक -चौराहे पर होती रही.
बीएसएल में 16,000 है कर्मी
बोकारो स्टील प्लांट में फिलहाल लगभग 16 हजार कर्मी हैं. लगभग तीन-चार दशक पहले बीएसएल में कर्मियों की संख्या लगभग 40 हजार थी. ज्यों-ज्यों प्लांट का आधुनिकीकरण होता गया, कर्मियों की संख्या में गिरावट होती चली गयी. ऐसे में सीआर योजना आने से बीएसएल कर्मियों का एक बड़ा तबका चिंतित है. कर्मियों का मानना है कि अब प्रबंधन जबरदस्ती नौकरी से निकाल रहा है. इधर, प्रबंधन प्लांट के उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने व घाटा को पाटने के लिए कई कड़े कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में सीआर योजना प्लांट में लागू की गयी है.