केदारनाथ की नियुक्ति के लिए फिर से बनेगी जांच टीम

बोकारो: अपनी नौकरी के लिए प्रयासरत केदरनाथ आज-कल फिर से सुर्खियों में है. पारा शिक्षक में चयन के बावजूद नियोजन नहीं मिलने वाले मामले को लेकर वो राजभवन के पास आमरण अनशन पर बैठ गया है. इधर बोकारो डीसी उमाशंकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक बार फिर से उच्च स्तरीय जांच का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2014 10:28 AM

बोकारो: अपनी नौकरी के लिए प्रयासरत केदरनाथ आज-कल फिर से सुर्खियों में है. पारा शिक्षक में चयन के बावजूद नियोजन नहीं मिलने वाले मामले को लेकर वो राजभवन के पास आमरण अनशन पर बैठ गया है.

इधर बोकारो डीसी उमाशंकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक बार फिर से उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है. करीब चार अधिकारियों की टीम पूरे मामले की जांच करेगी. इस मामले की जांच पहले तत्कालीन दंडाधिकारी नीरज कुमारी ने की थी. जांच रिपोर्ट में श्रीमती कुमारी ने कुछ अनियमितता की बात की थी. फिर भी बोकारो प्रशासन की तरफ से उसे नियोजन नहीं मिल पाया था.

मामले में जेल भी गया था केदार
केदार ने ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जहां फरियाद करनी चाहिए. बकौल केदार पारा शिक्षक काचयन समिति ने 2008 में किया था. पर उसे नौकरी नहीं मिली. प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं होता देख 23 जनवरी 2012 को केदार डीसी और डीएसइ के खिलाफ पैदल यात्र रांची के लिए शुरू की. अपने कार्यक्रम के तहत वह 26 जनवरी को रांची पहुंचने वाला था. पर, उसे पेटरवार प्रखंड से ही गिरफ्तार कर लिया गया. विभागीय जांच के बाद केदार को जेल जाना पड़ा. दो महीने के बाद किसी तरह उसकी बेल हुई.

हार नहीं मानी, लड़ता रहा
जेल से निकलने का बाद केदार ने हार नहीं मानी. वह लगातार लड़ता रहा. डीसी सुनील कुमार के तबादले के बाद फिर से उसने डीसी से पत्रचार शुरू किया. करीब एक महीने पहले वह अकेले ही जिला प्रशासन के कार्यालय के पास धरना पर बैठा. डीएसइ के पास मामले को लेकर जाता रहा.

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