पंडित विद्यानंद हिंदी, संस्कृत व मैथिली के भाषा विशेषज्ञ बने
जूनियर व सीनियर फेलोशिप 2014 के प्रतिभागियों का करेंगे चयन बोकारो : साहित्यकार पंडित विद्यानंद झा संस्कृति विभाग-मानव संसाधन मंत्रलय, भारत सरकार की ओर से ‘हिंदी-संस्कृत-मैथिली’ के भाषा विशेषज्ञ प्रतिनियुक्त किये गये हैं. अब जूनियर व सीनियर फेलोशिप 2014 के रचनात्मक कार्यो के लिए प्रतिभाशाली प्रतिभागियों का चयन पंडित झा करेंगे. चयन का आधार भारत […]
जूनियर व सीनियर फेलोशिप 2014 के प्रतिभागियों का करेंगे चयन
बोकारो : साहित्यकार पंडित विद्यानंद झा संस्कृति विभाग-मानव संसाधन मंत्रलय, भारत सरकार की ओर से ‘हिंदी-संस्कृत-मैथिली’ के भाषा विशेषज्ञ प्रतिनियुक्त किये गये हैं. अब जूनियर व सीनियर फेलोशिप 2014 के रचनात्मक कार्यो के लिए प्रतिभाशाली प्रतिभागियों का चयन पंडित झा करेंगे. चयन का आधार भारत के विभिन्न प्रांतों से प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत रचनात्मक कार्यो की उत्कृष्टता होगी.
नयी दिल्ली से बोकारो आने पर रविवार को पंडित झा ने संस्कृति विभाग-भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न भाषाओं व सांस्कृतिक गतिविधियों के रचनात्मक विकास कार्यो की प्रशंसा की. जूनियर व सीनियर फेलोशिप संस्कृति विभाग-मानव संसाधन मंत्रलय, भारत सरकार की ओर से प्रतिवर्ष दिया जाता है.
दो वर्ष मिलती है सहयोग राशि : फेलोशिप के लिए चयनित होने पर जूनियर फेलोशिप के लिए दस हजार रुपये व सीनियर फेलोशिप के लिए बीस हजार रुपये प्रतिमाह सहयोग राशि के रूप में दो वर्ष तक प्रदान की जाती है.
साहित्य के क्षेत्र में पंडित झा की कृति
पंडित झा ने बिहार सरकार के संयुक्त सचिव के पद से सेवा मुक्त होने के बाद कई किताबें लिखीं. इनमें मिथिला सरोज रत्नावली, सांख्य-दर्शन कौमुदी, गायत्री तत्व प्रकाश, ममता गाबए मिथिलाक गीत, सिद्घपीठ भदुली भद्रकाली, कपिल मुनि आ हुनक दर्शन, नवग्रहमाहात्म्य व ग्रहशांति, भारत का संविधान : एक विेषण, प्राचीन भारत की आदर्श नारियां, आधुनिक भारत की दिव्यांग्नायें, भारत के अनमोल रत्न आदि शामिल हैं.