फार्म जमा होने के बाद बेहतर दर पर सेवा देने वाली एजेंसी को एजुकेशन का जिम्मा दिया जायेगा. मतलब, बीएसएल सहित सेल के पांच प्लांटों के स्कूलों को लाइसेंस पर प्राइवेट पार्टी को दिया जायेगा. शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मी तथा शिक्षक -शिक्षिका का तबादला प्लांट के अंदर किया जायेेेगा. बीएसएल की ओर से कभी शहर में 42 स्कूल संचालित थे. फिलहाल, इनमें से 24 स्कूल ही चल रहे हैं.
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निजी एजेंसी बीएसएल स्कूलों को संचालित करेगी
बोकारो: अब बीएसएल स्कूलों को निजी एजेंसी संचालित करेगी. सेल प्रबंधन ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है. आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर है. 2017 में इस योजना को धरातल पर उतरने की संभावना है. इसके तहत सेल के पांच स्टील प्लांट के स्कूलों को निजी एजेंसी को सौंपा जायेगा. इनमें बीएसएल, भिलाई, राउरकेला, […]
बोकारो: अब बीएसएल स्कूलों को निजी एजेंसी संचालित करेगी. सेल प्रबंधन ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है. आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर है. 2017 में इस योजना को धरातल पर उतरने की संभावना है. इसके तहत सेल के पांच स्टील प्लांट के स्कूलों को निजी एजेंसी को सौंपा जायेगा. इनमें बीएसएल, भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, इस्को-बर्नपुर शामिल हैं. प्रबंधन ने 01 नवंबर को निविदा निकाल कर इच्छुक एजेंसी को आवेदन देने के लिए आमंत्रित किया है.
मतलब, अब तक 18 स्कूल बंद हो चुके हैं. इनमें से कई स्कूलों की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. नयी एजेंसी के स्कूल का जिम्मा लेने से बंद पड़े स्कूलों की रौनक तो लौटेगी ही, साथ ही स्कूल भवन भी खंडहर में तब्दील होने से बच पायेगा.
स्कूल लेने के लिए यह है शर्त : बीएसएल स्कूल लेने के लिए कंपनी को रजिस्टर्ड ट्रस्ट या एनजीओ होना चाहिए. कम-से-कम सीनियर सेकेंडरी से उपर तीन स्कूल चलाने का अनुभव होना चाहिए. हर स्कूल में 1000 स्टूडेंट्स होना चाहिए. यहां उल्लेखनीय है कि बीएसएल की ओर से संचालित स्कूल वर्ष 2019 तक सीबीएसई से संबंद्ध है. सेल प्रबंधन ने स्कूलों को निजी एजेंसी को देने के लिए लगभग सभी विभागीय प्रक्रिया पूरी कर ली है. बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों में से कुछ में स्कूलों में तरह-तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि कई खंडहर में तब्दील हो रहे हैं.
टीए व इलेक्ट्रीकल भी प्राइवेट : सेल प्रबंधन स्कूलों के साथ-साथ बीएसएल, भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, इस्को-बर्नपुर के टाउनशिप सेवाएं व विद्युत वितरण सेवाओं को भी निजी एजेंसी के हाथों सौंपेगा. इसके लिए भी निविदा निकाल कर 30 नवंबर तक आवेदन मांगा गया है. मतलब, अब बोकारो में नगर सेवा भवन व बिजली विभाग भी प्राइवेट हाथों संचालित होगा. सेल प्रबंधन इसमें उस एजेंसी को प्राथमिकता देगी, जो बेहतर शहरी सेवा व बिजली सेवा प्रदान करेगा. उधर, चिकित्सा सेवा को भी निजी एजेंसी को सौंपने की बात की चर्चा जोरों पर है.
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