छठ घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
बोकारो: उगी हे सुरूज देव भइले अरघ के बेर… दर्शन दीहीं न अपार हे छठी मइया-सुनी ना अरजिया हमार… की गुहार के साथ छठ व्रती सोमवार को अहले सुबह घाट पर पहुंची. पूरब की ओर हाथ जोड़ कर खड़ी हुईं. भगवान भास्कर ने गुहार सुन ली और पूरब दिशा में लालिमा फैल गयी. सूर्योदय हुआ. […]
बोकारो: उगी हे सुरूज देव भइले अरघ के बेर… दर्शन दीहीं न अपार हे छठी मइया-सुनी ना अरजिया हमार… की गुहार के साथ छठ व्रती सोमवार को अहले सुबह घाट पर पहुंची. पूरब की ओर हाथ जोड़ कर खड़ी हुईं. भगवान भास्कर ने गुहार सुन ली और पूरब दिशा में लालिमा फैल गयी. सूर्योदय हुआ. घाट पर चहलकदमी बढ़ गयी.
व्रतियों के चेहरे खिल उठे. व्रतियों ने श्रद्धा और विश्वास के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. हवन किया. ठेकुआ सहित अन्य प्रसाद का वितरण हुआ. घाट से लौटने के बाद घर में पूजा स्थल पर आराधना की. फिर, पारण किया. इस तरह सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ संपन्न हुआ.
सिटी पार्क, टूटेन गार्डेन, जगन्नाथ मंदिर, सूर्य सरोवर, गरगा डैम, गरगा नदी, सोलागीडीह तालाब, बारी को-ऑपरेटिव, सेक्टर 6, सेक्टर 11, कुलिंग पौंड आदि छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. घर से लेकर चौक-चौराहे पर बजने वाले छठ गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया. चास-बोकारो के छठ घाटों पर विभिन्न सामाजिक संस्थानों ने स्टॉल लगाया.
दंडवत कर पहुंचे कई भक्त : छठी मइया की महिमा अपार है. उनसे कोई भक्त जो कुछ भी मांगता है, वह उसे अवश्य पूरा करती हैं. मनोकामना पूर्ण होने पर कोई घर से दंडवत करते हुए छठ घाट पहुंचा तो किसी ने अपने आंचल पर लौंडा नचवाया. कोई बैंड-बाजा के साथ घाट आया, तो किसी ने छठी मइया को साड़ी चढ़ायी. इस उम्मीद और विश्वास के साथ कि छठी मइया का आशीर्वाद उन पर हमेशा बना रहेगा. मनोकामना पूर्ण होगी.