बोकारो मेरे हर किरदार में रहता है : सत्य

बोकारो: बोकारो के युवा लेखक सत्य व्यास की दूसरी किताब ‘ दिल्ली दरबार’ आने से पहले ही पाठकों के बीच चर्चा की केंद्र बनी हुई है.ऑनलाइन पाठक बेसब्री से इसके उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं. बोकारो के को ऑपरेटिव कॉलोनी निवासी इस युवा लेखक की पहली किताब ‘ बनारस टॉकीज’ ने साहित्यिक क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2016 8:39 AM

बोकारो: बोकारो के युवा लेखक सत्य व्यास की दूसरी किताब ‘ दिल्ली दरबार’ आने से पहले ही पाठकों के बीच चर्चा की केंद्र बनी हुई है.ऑनलाइन पाठक बेसब्री से इसके उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं. बोकारो के को ऑपरेटिव कॉलोनी निवासी इस युवा लेखक की पहली किताब ‘ बनारस टॉकीज’ ने साहित्यिक क्षेत्र में काफी चर्चा बटोरी थी.

महज एक साल के भीतर इसके पांच संस्करण बाजार में आ गये थे. साहित्य आज तक में शिरकत कर लौटे श्री व्यास ने अपने गृहनगर बोकारो के बाबत पूछने पर कहा कि उनके उपन्यास के हर किरदार में बोकारो रहता जरूर है. वह उसे बस अलग आयाम देते जाते हैं. बताते चलें कि सत्य व्यास की पढ़ाई बोकारो इस्पात विद्यालय से हुई है. उनके पिता सेवानिवृत्त इस्पातकर्मी हैं. मां देवी कुमारी गृहिणी हैं. उनका परिवार को-ऑपरेटिव कॉलोनी में रहता है.

1984 के दंगों पर बोकारो की स्थिति का करेंगे चित्रण : आगामी योजनाओं के बारे में श्री व्यास ने कहा कि यदि मौका मिले और अनुकूल स्थितियां हों तो गुरुजी (शिबू सोरेन) की आत्म कथा लिखना चाहेंगे. फिलहाल 1984 के दंगों की कहानी बोकारो की जुबानी लिख रहे हैं. इसे एक उपन्यास की शक्ल देना एक चुनौती है.

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