सुरक्षा में जैप चार की भूमिका अहम

बोकारो: अविभाजित बिहार के समय जैप चार की स्थापना की गयी थी. स्थापना के समय इसका नाम बीएमपी चार था. झारखंड विभाजन के बाद बल का नाम बदल कर जैप चार कर दिया गया. जैप चार की एक टुकड़ी राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल है. इस कारण जैप चार के साथ-साथ आज एसआइएसएफ का भी स्थापना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2016 8:41 AM
बोकारो: अविभाजित बिहार के समय जैप चार की स्थापना की गयी थी. स्थापना के समय इसका नाम बीएमपी चार था. झारखंड विभाजन के बाद बल का नाम बदल कर जैप चार कर दिया गया. जैप चार की एक टुकड़ी राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल है. इस कारण जैप चार के साथ-साथ आज एसआइएसएफ का भी स्थापना दिवस समारोह है.

उक्त बातें कोयला क्षेत्र बोकारो के डीआइजी साकेत कुमार सिंह ने कही. वह बुधवार को सेक्टर 12 स्थित जैप चार के मैदान में बुधवार को जैप चार के स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे. विशिष्ट अतिथि डीआइजी सीआइएसएफ श्रीकांत किशोर, उपायुक्त राय महिमापत रे, एसपी वाइएस रमेश मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का स्वागत स्मृति चिह्न प्रदान कर किया गया. जैप चार के जवानों ने परेड कर अतिथि को सलामी दी.

डीआइजी साकेत कुमार सिंह ने कहा : अविभाजित बिहार के समय यह बल बिहार के आरा में कार्यरत था. जब एशिया का सबसे बड़ा इस्पात संयंत्र बोकारो इस्पात संयंत्र का निर्माण हो रहा था. उस समय क्षेत्र में विधि-व्यवस्था व शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए इस बल को आरा से बोकारो भेजा गया. बोकारो शहर व संयंत्र के निर्माण में बीएमपी चार के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बोकारो इस्पात संयंत्र के बनने के बाद उक्त बल को बोकारो में ही स्थापित कर दिया गया. मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा की जिम्मेवारी भी जैप चार को सौंपी गयी है. चतरा, बोकारो जैसे राज्य के सबसे अधिक उग्रवाद प्रभावित जिले में जैप चार के जवान अन्य बल के साथ मिलकर उग्रवादियों को खदेड़ने का काम कर रहे हैं. श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2010 से 2011 तक वह भी जैप चार के समादेष्टा रह चुके हैं.
23 नवंबर 1962 को हुई थी बल की स्थापना : जैप चार के समादेष्टा मो नौशाद ने बताया कि 23 नवंबर 1962 को इस बल की स्थापना बिहार के जमालपुर में की गयी थी. दो वर्ष बाद बीएमपी चार को आरा भेज दिया गया. बोकारो इस्पात संयंत्र के निर्माण के समय वर्ष 1970 में तत्कालीन बिहार सरकार ने बीएमपी चार को बोकारो भेज दिया. संयंत्र के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाने के बाद यह बल स्थायी तरीके से बोकारो में ही पदस्थापित हो गया.
बेहतर कार्य के लिए इन्हें किया सम्मानित
अतिथियों ने जैप चार में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों व पुलिस कर्मियों को उपहार व स्मृति चिह्न प्रदान किया. चतरा में पदस्थापित जैप चार की कंपनी को बेस्ट कंपनी का पुरस्कार दिया गया. चतरा में उग्रवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में शामिल जैप चार के इंस्पेक्टर मो शफीक अहमद को बेस्ट इंस्पेक्टर, चतरा में पदस्थापित जैप चार के दारोगा रमेंद्र सिंह को बेस्ट दारोगा, हवलदार हरीश नायक को बेस्ट हवलदार, मुख्यमंत्री आवास में तैनात चालक जगदेव उरांव को बेस्ट चालक, चतरा में तैनात नाई उमेश ठाकुर को बेस्ट नाई, रसोइया का बेस्ट अवार्ड बोकारो मुख्यालय के रसोइया नवरसी कुमार, बोकारो में पदस्थापित जलवाहक सुशील कुमार बेस्ट जलवाहक व परेड में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्लाटून संख्या तीन को बेस्ट प्लाटून का पुरस्कार मिला.

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