बीएसएल के पूर्व एमडी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

धनबाद/बोकारो. बोकारो स्टील प्लांट में हुए नियुक्ति घोटाले में आरोपित बीएसएल के पूर्व एमडी वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह एसके पांडेय की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता समर श्रीवास्तव ने बहस की. सीबीआइ के लोक अभियोजक केके सिन्हा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2016 8:47 AM
धनबाद/बोकारो. बोकारो स्टील प्लांट में हुए नियुक्ति घोटाले में आरोपित बीएसएल के पूर्व एमडी वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह एसके पांडेय की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता समर श्रीवास्तव ने बहस की. सीबीआइ के लोक अभियोजक केके सिन्हा ने जमानत का विरोध किया. बहस के बाद अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.
क्या है मामला : बोकारो स्टील प्लांट में वर्ष 2008-09 के दौरान बीएसएल के जीवेश मिश्रा एक्जक्यूटिव डायरेक्टर (रिटायर्ड), आरके नरुला जीएम (रिटायर्ड), एएस हेंब्रम, सीजी कुबेरकर (एजीएम) मुंबई ऑफिस, बीएसएल व वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव (रिटायर्ड) एमडी ने अभ्यर्थियों के साथ मिलीभगत कर तेरह लोगों को नौकरियां दी. इसमें पूर्व राज्यपाल के पुत्र सैयद मो. रजी, पूर्व न्यायाधीश डीजीआर पटनायक के पुत्र योगेश चंद्र पटनायक, राजकुमार जेतिया को जूनियर मैनेजर के पद पर, रितेश को डिप्टी मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया था. वहीं संतोष कुमार, विश्वदीप साहनी, रत्नेश कुमार को सहायक को-ऑर्डिनेशन, अनंत कुमार पासवान, राजेश कुमार सिंह, संजय कुमार मिश्रा, असीम कुमार गोप, मुकेश कुमार सिंह, मो. शमीन रजक को अटेंडेंट को-ऑर्डिनेशन के पद पर नौकरी दी गयी.
सीबीआइ के मुताबिक नौ लोगों की नियुक्ति वर्ष 2007-08 में एवं जूनियर मैनेजर पद पर चार लोगों की नियुक्ति वर्ष 2008-09 में की गयी थी. नियुक्ति प्रक्रिया में अन्य योग्य उम्मीदवारों को मौका नहीं दिया गया.

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