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सिर्फ छह सेकेंड में हैक हो सकता है डेबिट और क्रेडिट कार्ड

बोकारो: यदि आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग और अन्य ई बैंकिंग सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सचेत रहें. वीसा (VISA) पेमेंट सिस्टम से जुड़े शोधकर्ताओं ने चेतावनी जारी की है कि कैशलेस व्यवस्था में सिर्फ लैपटॉप और डोंगल से किसी का प्लास्टिक कार्ड सिर्फ छह सेकेंड में हैक कर उससे लाखों […]

बोकारो: यदि आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग और अन्य ई बैंकिंग सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सचेत रहें. वीसा (VISA) पेमेंट सिस्टम से जुड़े शोधकर्ताओं ने चेतावनी जारी की है कि कैशलेस व्यवस्था में सिर्फ लैपटॉप और डोंगल से किसी का प्लास्टिक कार्ड सिर्फ छह सेकेंड में हैक कर उससे लाखों की लेन-देन की जा सकती है. हैकर डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड का नंबर, कार्ड की एक्सपायरी तिथि व सिक्युरिटी कोड की जानकारी लेकर गड़बड़ी कर डालते हैं.
हैकर हमेशा मल्टीपल पेमेंट ऑप्शन के जरिए वेबसाइट से फिशिंग मेल (भ्रामक ई-मेल) और अन्य संदेशों से ग्राहकों के कार्ड की जानकारी ले लेते हैं. इतना ही नहीं कभी-कभी तो हैकर कार्ड धारक की सारी जानकारी फोन कॉल और अन्य माध्यमों से भी ले लेते हैं. कैशलेस व्यवस्था में इससे बचने के लिए बैंकों, राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से लोगों के लिए चेतावनी भी जारी की जाती है. इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. न्यू कैसल यूनिवर्सिटी यूके के शोधकर्ताओं ने इस तरह की गड़बड़ी का पता लगाया है. इस बारे में अधिक से अधिक प्रचार भी किया जा रहा है.
ऐसे होती है गड़बड़ी
अधिकतर हैकर कार्ड और मोबाइल सिम का क्लोन (डूप्लीकेट) तैयार कर लेन-देन को अंजाम देते हैं. हैकर व्यक्ति के पूरे प्रोफाइल की जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं और क्लोन कार्ड अथवा सिम से पैसे की निकासी कर लेते हैं. फिलहाल कई कंपनियां क्रेडिट और डेबिट कार्ड को कई सिक्युरिटी फीचर्स के साथ जारी करती हैं. पर इनका ख्याल नहीं रखने और कैशलेस भुगतान को हल्के में लेने से ही चूक होती है.क्रेडिट कार्ड अथवा डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर हमेशा वन टाइम पासवर्ड से लिंक करने को प्राथमिकता देनी चाहिए. बैंकर अथवा कंपनी के पास इन कार्डों को रखनेवाले का मोबाइल नंबर निबंधित रहता है. इससे हमेशा ट्रांजेक्शन सुरक्षित रहता है. किसी भी ट्रांजेक्शन के लिए हमेशा कार्ड धारकों को उनके निबंधित मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाता है. इसके उपयोग से ही ट्रांजेक्शन पूरा हो सकता है. हैकर भी अब नये-नये तरीके अपनाने लगे हैं. वे व्यक्ति के मोबाइल नंबर का पता लगा कर उसके पैन कार्ड नंबर का भी पता लगा लेते हैं. सिम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा कर सिम कार्ड का क्लोन कर नया सिम लेकर पैसे का ट्रांजेक्शन करने के लिए ओटीपी ले लेते हैं. सारा कुछ इतनी जल्दी होता है कि कार्ड धारक व मोबाइल धारक को इसका पता ही नहीं चल पाता है.
सुरक्षित पेमेंट गेटवे का करें इस्तेमाल : जया राॅय
झारखंड सरकार में पुलिस अधीक्षक (सीआइडी) के पद पर कार्यरत जया राॅय का कहना है कि हैकरों की गतिविधियों से बचने के लिए खुद ही जागरूक रहना चाहिए. वैसे लोग, जो इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट गेटवे का अधिक इस्तेमाल करते हैं, वे हमेशा चौकस रहें. आधिकारिक पेमेंट गेटवे पूरी तरह सुरक्षित है. इसका ही इस्तेमाल करें. उनके अनुसार, विश्वासी साइट पर https:// लिखा रहता है. यानी यह पूरी तरह सुरक्षित और लोगों के विश्वास पर खरा उतरनेवाली साइट है. वैसी साइट्स पर कतिपय भरोसा नहीं करना चाहिए, जो लॉक रहे या जिसमें क्रास का निशान लगा हो. उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद हैकिंग की शिकायत अब तक नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के लिए साइबर थाने काे प्रभावकारी बनाया गया है. लोग यहां शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.

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