क्रियात्मक शोध के प्रति जागरूक करना विद्या भारती का लक्ष्य

बोकारो. शिक्षकों को क्रियात्मक शोध के प्रति जागरूक करना ही विद्या भारती का लक्ष्य है. शिक्षण कार्य के दौरान समस्या का चयन व समाधान की दिशा में कार्य करना क्रियात्मक शोध का ही अंग होता है. इसी दिशा में हर शिक्षक को कार्य करना चाहिए. यह बात विद्या भारती के प्रांतीय जन संपर्क प्रमुख अखिलेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2016 8:15 AM
बोकारो. शिक्षकों को क्रियात्मक शोध के प्रति जागरूक करना ही विद्या भारती का लक्ष्य है. शिक्षण कार्य के दौरान समस्या का चयन व समाधान की दिशा में कार्य करना क्रियात्मक शोध का ही अंग होता है. इसी दिशा में हर शिक्षक को कार्य करना चाहिए. यह बात विद्या भारती के प्रांतीय जन संपर्क प्रमुख अखिलेश कुमार ने कही.

बुधवार को सशिविमं-03/सी में विभागीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया. धनबाद विभाग के सभी शोधकर्ता शिक्षकों ने भाग लिया. श्री अखिलेश ने कहा : विद्या भारती शोध के जरिये ही समस्या का निदान चाहती है, ताकि समाधान लंबे समय तक के लिए प्रभावी रहे.

शिक्षकों का एकमात्र लक्ष्य : इससे पहले प्रांतीय शोध प्रमुख अमरकांत झा व संभाग निरीक्षक ओंकार प्रसाद सिन्हा ने कार्यक्रम की शुरुआत की. श्री अमरकांत ने कहा : शिक्षक के शोध से शिक्षण प्रक्रिया लाभान्वित होती है. इससे विद्यार्थी भी लाभान्वित होते हैं. ओंकार प्रसाद सिन्हा ने कहा : शिक्षकों का एकमात्र लक्ष्य शिक्षण कार्य की बेहतरी हो. स्वागत सशिविमं-02/ए के प्राचार्य डॉ शैलेश मिश्रा ने किया. आदित्य प्रकाश जालान शिक्षक प्रशिक्षक कॉलेज, रांची के प्राचार्य शशि शेखर दूबे व हरिश कुमार पांडेय बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन ओंकार प्रसाद सिन्हा ने किया. प्राचार्य मृत्युंजय समेत विभिन्न विद्यालय के 65 शोधार्थी मौजूद थे.

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