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सदर अस्पताल. दो होमगार्ड जवानों के भरोसे सुरक्षा

बोकारो: करोड़ों रुपये के बोकारो सदर अस्पताल और यहां के करोड़ों रुपये के उपकरणों की सुरक्षा बिना हथियार वाले दो होमगार्ड जवान के भरोसे है. एक जवान दिन में व एक जवान की ड्यूटी रात में होती है. इनके पास हथियार तो दूर की बात एक डंडा तक नहीं होता है. जवानों को मानदेय के […]

बोकारो: करोड़ों रुपये के बोकारो सदर अस्पताल और यहां के करोड़ों रुपये के उपकरणों की सुरक्षा बिना हथियार वाले दो होमगार्ड जवान के भरोसे है. एक जवान दिन में व एक जवान की ड्यूटी रात में होती है. इनके पास हथियार तो दूर की बात एक डंडा तक नहीं होता है. जवानों को मानदेय के नाम पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रतिदिन 800 रुपया (एक जवान 400 रुपया) का भुगतान किया जाता है. कई बार यहां चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार की घटना घटी है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की मांग कई बार की गयी, पर आज तक कुछ नहीं हो सका. सुरक्षा को लेकर चिंतित चिकित्सक व पारा कर्मी सशंकित रहते हैं. अस्पताल में तैनात चिकित्सक कहते हैं कि हम बेबस हैं. सुरक्षा प्रहरी होने से अच्छा होता. अस्पताल में हर दिन लगभग 400 मरीजों का आना-जाना होता है.
निजी सिक्यूरिटी गार्ड का मामला ठंडे बस्ते में : सदर अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में निजी सिक्यूरिटी गार्ड बहाल करने पर भी चर्चा हुई थी. बैठक में विभाग की ओर से कई पदों के लिए आवेदन भी मांगा गया था. इस मामले को लेकर एक स्वयंसेवी संस्था ने उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया. इसकी सुनवाई चल रही है. फिलहाल निजी सिक्यूरिटी गार्ड बहाल करने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है.
हस्तक्षेप के बाद तैनात हुए थे सुरक्षाकर्मी : आठ अगस्त 2015 को सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ एचडी सिंह और 11 अगस्त 2015 को डॉ शिखा (सोनोलॉजिस्ट) से दुर्व्यवहार की घटना हुई थी. आइएमए चास व झासा (झारखंड हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन) के हस्तक्षेप के बाद हथियारबंद सुरक्षाकर्मी एक सप्ताह के लिए तैनात किये गये थे.

आश्वासन दिया गया था कि स्थायी रूप से हथियारबंद जवान अस्पताल में तैनात किया जायेगा. लेकिन, बाद में हटा लिया गया. अस्पताल प्रबंधन के काफी प्रयास के बाद होमगार्ड जवान दिया गया. इसके बाद भी कई दफा स्वास्थ्य कर्मियों से भी दुर्व्यवहार की घटना हुई है.
अस्पताल की सुरक्षा में होमगार्ड से काम चलाया जा रहा है. हथियारबंद जवान जरूरी है. निजी सुरक्षा गार्ड बहाल करने की बात थी. लेकिन इस संदर्भ में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दी गयी है. इसके कारण मामला रूक गया है.
डॉ अर्जुन प्रसाद, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उपायुक्त और एसपी को पत्र भेजा गया है. डीएसपी स्तर के अधिकारी द्वारा अगस्त 2015 में सदर अस्पताल का निरीक्षण भी किया गया था. होमगार्ड जवान उपलब्ध कराया गया है. हथियारबंद जवान की जरूरत अस्पताल को है. पुन: लिखित सूचना उपायुक्त व एसपी को दी जायेगी.
डॉ एस मुर्मू, सिविल सर्जन, बोकारो

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