ग्रामीणों को नहीं मिल रहा सीएसआर पूरा लाभ
बेरमो:सीसीएल का सीएसआर फंड. इससे सीसीएल के किसी भी एरिया की आठ किमी की परिधि में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करना है. लेकिन, इस योजना का पूरा लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है. फंड का सही ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है. संवेदकों व अधिकारियों की साठगांठ के कारण कई […]
बेरमो:सीसीएल का सीएसआर फंड. इससे सीसीएल के किसी भी एरिया की आठ किमी की परिधि में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करना है. लेकिन, इस योजना का पूरा लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है. फंड का सही ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है. संवेदकों व अधिकारियों की साठगांठ के कारण कई कार्य कागज में ही सिमट कर रह जाते हैं. वहीं इस राशि से ग्रामीण क्षेत्रों की जगह सीसीएल की आवासीय कॉलोनी व शहरी क्षेत्रों में कार्य करा दिया जाता है.
कई कार्य नहीं उतर सके धरातल पर : बीएंडके एरिया की बात करें तो पिछले छह वित्तीय वर्ष में सीएसआर फंड से टेकअप किये गये कई कार्य आज तक धरातल पर नहीं उतर सके. इसका कारण कार्य के कई वर्षों तक पेडिंग रहने के कारण रेट शिड्युल रिवाइज हो गया है. इसके कारण बजट भाग गया तथा संवेदक पुराने रेट पर उक्त काम को करना नहीं चाहते है. ऐसे कई कार्यों के लिए इस मद से प्रदत्त राशि को अब एरिया रिफंड करने की तैयारी में है.
पांच माह देर से मिला 1.45 करोड़ रुपये : बीएंडके एरिया को चालू वित्तीय वर्ष में सीएसआर मद का एक करोड़ 44 लाख 95 हजार रुपया पांच माह विलंब से अगस्त माह में मिला. इसके बाद कार्यों की सूचि बनाने का काम शुरू किया गया. अभी तक कुल 34 काम का टेंडर किया गया है. इसमें अधिकांशत: ग्रामीण क्षेत्रों में डीप बोरिंग का काम है. मुख्य रूप से गोनियाटो, पिलपिलो, जरीडीह बस्ती, पलामू, कारो, कुरपनिया, बेरमो बस्ती, गिरिडीह, चरकपनिया आदि गांवों को शामिल किया गया है. प्रत्येक गांव में एक डीप बोरिंग पर करीब सात लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. सिविल विभाग का भी प्राक्कलन अलग से रहेगा. लेकिन, अभी तक एक भी कार्य शुरू नहीं हुआ है.