बेटे के लिए बालीडीह की महिला ने ससुराल के सामने दिया धरना

महिला की शिकायत पर प्रताड़ना के मामले में जेल में बंद है पति गिरिडीह के पचंबा में है ससुराल गिरिडीह : पारिवारिक विवाद में मुकदमे के बाद अपने बेटे को साथ में ले जाने के लिये एक महिला ससुराल के सामने धरना पर बैठ गयी. रविवार की सुबह लगभग 11 बजे से वह नगर थाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2016 4:59 AM

महिला की शिकायत पर प्रताड़ना के मामले में जेल में बंद है पति

गिरिडीह के पचंबा में है ससुराल
गिरिडीह : पारिवारिक विवाद में मुकदमे के बाद अपने बेटे को साथ में ले जाने के लिये एक महिला ससुराल के सामने धरना पर बैठ गयी. रविवार की सुबह लगभग 11 बजे से वह नगर थाना इलाके के पचंबा स्थित अपने ससुराल के सामने पहुंच गयी. उसका आरोप वह अपने पांच वर्षीय पुत्र को अपने साथ ले जाना चाहती है, लेकिन ससुरालवाले बच्चे को देने को तैयार नहीं है. इस मामले को लेकर काफी हो-हंगामा भी हुआ. बोकारो के बालीडीह थाना क्षेत्र निवासी शिवनंदन विश्वकर्मा की पुत्री रजनी विश्वकर्मा ने बताया कि वर्ष 2009 में उसकी शादी पचंबा निवासी अजीत विश्वकर्मा से हुई थी. इस दौरान दहेज की मांग को लेकर ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया. इस बीच अजीत ने न्यायालय में मुकदमा( हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-9 के तहत) किया.
न्यायालय ने आदेश पारित कर उसे ससुराल में पति के साथ रहने को कहा. न्यायालय के आदेश पर वह गत आठ दिसंबर को अपनी बहन व बेटे के साथ अपने ससुराल पचंबा पहुंची, जहां पर उसके साथ मारपीट की गयी और उसके बच्चे को छीन लिया गया. इस मामले को लेकर उसने महिला थाना में शिकायत की थी. शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज कर उसके पति को जेल भेज दिया गया, लेकिन उसके बेटे को उसके हवाले नहीं किया गया. अब ससुरालवाले कहते हैं कि कोर्ट से ही उसे बेटा सौंपा जायेगा. महिला का कहना है कि जब उसके पति जेल में हैं और दूसरी शादी भी रचा ली है, तो उसे उसका बेटा सौंप देना चाहिए. इधर नगर थाना प्रभारी बीरेन्द्र राम ने कहा कि उन्हें इस मामले की सूचना नहीं दी गयी. समाचार लिखे जाने तक महिला अपने ससुराल के बाहर ही डटी हुई थी.

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