बोकारो: सेल प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए सभी आरोपी अधिकारियों को बरखास्त कर दिया है. शुक्रवार को प्रबंधन ने बचे सभी आरोपियों को बरखास्तगी की चिट्ठी थमा दी.
सेल सूत्रों के मुताबिक इसमें पूर्व झारखंड के राज्यपाल के बेटे सैयद सिब्ते रजी के पुत्र सैयद मो रजी, एमपी से वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यनारायण जाटिया के पुत्र राजकुमार जाटिया और पूर्व डीजीपी के पुत्र योगेश चंद्र पटनायक आदि सभी शामिल हैं. बरखास्तगी की प्रक्रिया बीएसएल में लगभग 10 दिनों से चल रही थी. प्रबंधन ने कुल मिला कर सभी 20 आरोपियों को बरखास्तगी की चिट्ठी थमायी है.
इसमें 18 बीएसएल प्लांट बोकारो में कार्यरत थे और दो जिसमें राजकुमार जाटिया और सैयद मो रजी सीएमओ (सेंट्रल मार्केटिंग ऑर्गनाइजेशन) में पदस्थापित थे. वहीं योगेश चंद्र पटनायक बीएसएल में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. कार्रवाई के बाद से बीएसएल समेत सेल के सभी संयंत्रों में खबर आग की तरह फैली. सीबीआइ के दबिश से पहले भी इन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी थी.
ऐसे हुई फर्जी नियुक्ति
2007-08 में दो चरणों में हुई बहाली में मिडिल व जूनियर मैनेजमेंट लेवल के एडिशनल को-ऑर्डिनेटर, जूनियर मैनेजर व डिप्टी मैनेजर के पदों के लिए बहाली निकाली गयी थी. इसके चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया है. किसी फार्म पर कैंडिडेट के साइन नहीं है तो किसी का फार्म तय तिथि के बाद रिसिव हुआ है. इसके अलावा और कई गड़बड़ियां पकड़ी गई है. बताते चलें कि अवैध बहाली को लेकर 28 जनवरी 2014 को पूरे देश में करीब 36 ठीकानों पर एक साथ छापेमारी की गयी थी, जिसमें बोकारो, भोपाल, दिल्ली, रांची सहित कई शहर शामिल थे.
दो चरणों में 13 को नौकरी
बोकारो स्टील प्लांट में वर्ष 2007-08 में दो चरणों में 13 लोगों (क्रमश: आठ व चार) को नौकरी दी गयी थी. इस बहाली में बड़बड़ी व अनियमितता की शिकायत धनबाद सीबीआइ को मिली. इसमें गलत तरीके अपना कर षड्यंत्र से पैरवी, पहुंच व पैसे के बल पर लोगों को नियुक्त किया गया. वर्ष 2008 में बोकारो स्टील प्लांट के चेन्नई व मुंबई ऑफिस के लिए चार रिक्तियां पैदा की गयी. बेतिया में प्लांट खोलने के लिए दिल्ली व आस-पास लाइजनिंग करने के लिये नौ पोस्ट की बहाली निकाली गयी.