सबको बचाना- अपने बचना, उसको ही तू धर्म समझना…

श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का 129वां जन्मोत्सवस्थानीय सत्संगियों ने किया आयोजन बोकारो : सबको बचाना-अपने बचना, उसको ही तू धर्म समझना…, टका पराया मानुष अपना-शक्ति भर मानुष धरना… ऐसी ही वाणी के साथ रविवार को श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र का 129वां जन्मोत्सव मनाया गया. सेक्टर 02/डी स्थित मां अंबे गार्डेन श्री काली मंदिर के पास आयोजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2017 5:47 AM

श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का 129वां जन्मोत्सवस्थानीय सत्संगियों ने किया आयोजन

बोकारो : सबको बचाना-अपने बचना, उसको ही तू धर्म समझना…, टका पराया मानुष अपना-शक्ति भर मानुष धरना… ऐसी ही वाणी के साथ रविवार को श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र का 129वां जन्मोत्सव मनाया गया. सेक्टर 02/डी स्थित मां अंबे गार्डेन श्री काली मंदिर के पास आयोजन हुआ. समस्त स्थानीय सत्संगी वृंद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कीर्तन, मनन, गोष्ठी का सत्संगी रूप दिखा.
उषा कीर्तन में आस्था की धारा, संगोष्ठी में धार्मिकता का प्रवाह : कार्यक्रम की शुरुआत उषा कीर्तन से हुई. श्रद्धालुओं ने कीर्तन के बहाने आस्था के सागर में गोता लगाया. समवेत प्रार्थना व धर्म ग्रंथ पाठ से संस्कृति ज्ञान की प्राप्ति हुई. शोभा यात्रा के जरिये ज्ञान का प्रसार हुआ. दोपहर बाद मातृ सम्मेलन हुआ. वेदश्री सिन्हा, बीसी साव व इ सिन्हा ने समाज में स्त्री की स्थिति के बारे में बताया. अंतिम दौर में धर्म सम्मेलन हुआ.
बतौर मुख्य वक्ता देवघर के डॉ कुमार मधुप ने युग समस्या के समाधान में श्रीश्री ठाकुर जी की दिव्य जीवनी व भाव धारा के योगदान पर प्रकाश डाला.
डॉ मधुप ने कहा : हर कोई भगवान के लिए बना है, ना की किसी और के लिए. जो यह मान ले कि वह भगवान के लिए बना है, वह खुद-ब-खुद सबके लिए बन जाता है. तेनुघाट के होटेन हेंब्रम ने कहा : प्रेम व नि:स्वार्थ भाव के साथ जीना प्रभु के शरण में रहने के समान है. बोकारो के आनंदमय साहु व राधेश्याम सिन्हा ने कहा : जाति, वर्ण व संप्रदाय को भुलकर मानवता के लिए जीने की आवश्यकता है. मौके पर सतीश चंद्र सिन्हा, एसके मिश्रा, डॉ तेज प्रकाश समेत दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे.
कार्यक्रम को सफल बनाने में एसपी सिन्हा, केकेएल दास, परेरा दा, एमएम दास, लाला दा, अविनाश, मिश्रा जी, एनके साहू, अजय कुमार सिन्हा, सुबोध चक्रवर्ती, विश्वराज आनंद, एसएन घोषाल, विमल मल्लिक की भूमिका सराहनीय रही.

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