बीएसएनएल की अंतिम उम्मीद ब्रॉडब्रैंड भी तोड़ रहा है दम
बोकारो: सेक्टर 02 निवासी मुकेश कुमार आर्थिक काम का निबटारा करने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया-12 में जाता है. रसीद लेकर प्राथमिक कार्य करता है. लेकिन ऐन मौके पर कार्यालय का इंटरनेट लिंक फेल हो जाता है. कुछ मिनट के काम के लिए मुकेश को बैंक में 45 मिनट से अधिक समय व्यतीत करना पड़ता है. […]
बोकारो: सेक्टर 02 निवासी मुकेश कुमार आर्थिक काम का निबटारा करने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया-12 में जाता है. रसीद लेकर प्राथमिक कार्य करता है. लेकिन ऐन मौके पर कार्यालय का इंटरनेट लिंक फेल हो जाता है. कुछ मिनट के काम के लिए मुकेश को बैंक में 45 मिनट से अधिक समय व्यतीत करना पड़ता है. सेक्टर 02/बी निवासी प्रमोद कुमार मेहनत की पूंजी जमा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया- कोर्ट एरिया में जाता है. बैंक में आम दिनों की तरह ही वह पंक्ति में खड़ा होता है.
लेकिन, जैसे ही उसका नंबर आता है लिंक फेल हो जाता है. इंटरनेट की सुस्त रफ्तार के कारण काम में विलंब होता है. ऐसी समस्या बोकारो के हर सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय में देखी गयी. कारण रहा ब्रॉडबैंड की रफ्तार में ब्रेक लग जाना. पिछले एक सप्ताह से बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड उपभोक्ता को रूला रही है. कभी-कभी नेट की रफ्तार शून्य हो जा रही है. बुधवार को दोपहर 02:30 बजे ब्रॉडबैंड नेटवर्क से गायब रही.
मोबाइल के बाद पीएनटी व ब्रॉडबैंड की सेवा भी लचर : मोबाइल उपभोक्ता के मामले में बीएसएनएल पहले से ही द्वितीयक पसंद रही है. ब्रॉडबैंड व पीएनटी सर्विस के कारण ही बीएसएनएल उपभोक्ता के बीच पहली पसंद बनता है. पिछले एक सप्ताह से ब्रॉडबैंड की परेशानी लोगों को रुला रही है.
… तो बन गया डिजिटल इंडिया : हर माध्यम को सरकार डिजिटल बनाने की कोशिश में है. हर विभाग के लिए स्पेशल एप जारी किया जा रहा है. नोटबंदी के बाद कैशलेस इंडिया बनाने के लिए भी सरकार व प्रशासन ने मुहिम छेड़ रखी है. लेकिन, बीएसएनएल की लचर सेवा सरकार के सपने को चकनाचूर करने पर तुली है. मालूम हो कि कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए किसी न किसी रूप में इंटरनेट की जरूरत पड़ती है.
पुराने केबल नहीं बनने दे रहे हैं आधुनिक
बोकारो में छह हजार से अधिक ब्रॉडबैंड के उपभोक्ता हैं. सिर्फ सेक्टर चार एक्सचेंज में ही 1500 से अधिक उपभोक्ता हैं. हर दिन नये ग्राहक बनाने के लिए कंपनी की ओर से कई स्कीम भी चलाया जा रहा है. लेकिन, बुनियादी ढांचा को मजबूत बनाने की दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है. ब्रॉडबैंड के लिए बिछाया गया केबल पुराना हो चुका है. सड़क व अन्य निर्माण कार्य के चलते हमेशा केबल कटने की समस्या आती है. केबल का मरम्मत कार्य में जोड़ किया जाता है. इससे कनेक्शन स्पीड पर नकारात्मक असर होता है. इसके अलावा एक्सचेंज का सिस्टम भी आउटडेटेड वर्जन पर ही काम कर रहा है.
सिर्फ सेक्टर 04 से हर माह 350 शिकायत
ब्रॉडबैंड की समस्या बोकारो के लिए नयी बात नहीं है. आये दिन समस्या से उपभोक्ता को रूबरू होना पड़ता है. 01 माह में औसतन 10 दिन ब्रॉडबैंड कनेक्शन लोगों के लिए सिरदर्द बनता है. ग्राहक सेवा को दोबारा सुचारू बनाने के लिए शिकायत करते हैं. सेक्टर 04 एक्सचेंज में ही हर माह में 350 से अधिक शिकायत दर्ज की जाती है. शिकायत दूर करने के लिए सेक्टर 04 एक्सचेंज में मात्र एक तकनीक कर्मी कार्यरत है. कर्मी की कमी होने से शिकायत दूर होने में लंबा वक्त लग जाता है.
बैंक व अन्य कार्यालय तैयार कर रहे हैं अल्टरनेट व्यवस्था
बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा से असंतुष्ट उपभोक्ता वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश में हैं. कई अर्द्ध सरकारी व प्राइवेट बैंक, वाहन के शो-रूम, बीमा कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों में बीएसएनएल ब्रॉडबैंड के अलावा किसी निजी कंपनी के इंटरनेट सेवा की सुविधा ली जा रही है. काम के नुकसान को कम करने के लिए यह रास्ता चुना जा रहा है.
परेशानी बड़े पैमाने पर नहीं है. इतने बड़े नेटवर्क में कुछ परेशानियां आती है. सुविधा को दुरुस्त करने के लिए फौरन कार्रवाई की जाती है. हर ग्राहक को विशेष महत्व दिया जाता है.
प्रवीण तिर्की, डीइ- बीएसएनएल- मुख्य कार्यालय, सेक्टर 02