20 वर्षों से वृद्धावस्था पेंशन के लिए भटक रहे बोकोरो के बुजुर्ग पविलाल महली को मिला सिर्फ आश्वासन, नहीं मिल सकी पेंशन, मुश्किल से परिवार का हो रहा गुजर-बसर

Jharkhand News, बोकारो न्यूज (दीपक सवाल) : 93 वर्ष के हो गए और कितना इंतजार करें. जरा मेरी भी सुन लीजिए सरकार. यह फरियाद है जरीडीह प्रखंड के अराजू गांव स्थित महली टोला निवासी पविलाल महली की. वे पिछले करीब 20 वर्षों से वृद्धावस्था पेंशन के लिए प्रखंड मुख्यालय से लेकर पंचायत सचिवालय तक की दौड़ लगाते-लगाते थक चुके हैं, पर इनकी सुनने वाला कोई नहीं है. हर कुछ दिनों के अंतराल पर नयी उम्मीदें लेकर कभी वे पंचायत प्रतिनिधियों के पास तो कभी बैंक जाकर पूछते रहते हैं कि उनकी पेंशन चालू हुई क्या? और हर बार जवाब में ना सुनकर उनका दिल बैठ जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2021 6:32 PM
an image

Jharkhand News, बोकारो न्यूज (दीपक सवाल) : 93 वर्ष के हो गए और कितना इंतजार करें. जरा मेरी भी सुन लीजिए सरकार. यह फरियाद है जरीडीह प्रखंड के अराजू गांव स्थित महली टोला निवासी पविलाल महली की. वे पिछले करीब 20 वर्षों से वृद्धावस्था पेंशन के लिए प्रखंड मुख्यालय से लेकर पंचायत सचिवालय तक की दौड़ लगाते-लगाते थक चुके हैं, पर इनकी सुनने वाला कोई नहीं है. हर कुछ दिनों के अंतराल पर नयी उम्मीदें लेकर कभी वे पंचायत प्रतिनिधियों के पास तो कभी बैंक जाकर पूछते रहते हैं कि उनकी पेंशन चालू हुई क्या? और हर बार जवाब में ना सुनकर उनका दिल बैठ जाता है.

पविलाल महली बताते हैं कि वे पेंशन के लिए इतने बार आवदेन दे चुके हैं कि उसकी संख्या भी ठीक से याद नहीं. कई बार मुखिया को तो कई बार प्रखंड मुख्यालय जाकर बीडीओ ऑफिस में आवेदन जमा किया. पूछने पर हर बार केवल आश्वासन मिलता रहा है कि जल्दी हो जाएगा, पर वह जल्दी कब आएगा, उन्हें बताने वाला कोई नहीं. श्री महली कहते हैं- वे अब जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं. शरीर में चलने-फिरने की भी हिम्मत नहीं रही. आखिर पेंशन के लिए और कितनी दौड़ लगानी पड़ेगी ?

Also Read: असहाय महिला को ‘सिस्टम’ ने कागजों पर मार दिया, पेंशन के लिए दर-दर भटक रही महिला, राशन कार्ड भी नहीं, खाने के पड़े लाले

स्थानीय सामाजसेवी महेंद्र नायक समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि श्री महली का एकमात्र पुत्र है. बांस टोकरी बनाकर बहुत मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर होता है. लोग बताते हैं कि पेंशन के लिए इन्हें अक्सर काफी परेशान देखा जाता है. पेंशन मिलने से काफी राहत मिल जाती. पर इनका अब भरोसा उठता जा रहा है. लोग बताते हैं कि अराजू पंचायत में ऐसे और भी कई लोग हैं, जिन्हें योग्यता के बावजूद पेंशन नहीं मिल पा रही है.

Also Read: प्रभात खबर इंपैक्ट : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने लिया संज्ञान, महज दो घंटे में बोकारो के कसमार की गुलाब देवी की वृद्धा पेंशन हुई स्वीकृत

Posted By : Guru Swarup Mishra

Exit mobile version