चास. त्रिमूर्ति पब्लिक स्कूल, चास में पर्यावरण जागरूकता के तहत जल संरक्षण का अनोखा प्रयास किया गया. ऐसा देखा जाता है कि फूलों के गमलों में हम हर रोज और अधिक मात्रा में पानी डालते है.
गमलों में डाला जाने वाला पानी का अधिकांश भाग नष्ट हो जाता है या उपयोगहीन हो जाता है. बच्चों में कार्य-अनुभव और रचनात्मक भाव को जगाने के लिए एक नया तरीका अपनाया गया. बच्चों को विभिन्न हाउस में बांट कर उन्हें निर्देश दिया गया कि एक-एक बेकार पानी का प्लास्टिक बोतल उपलब्ध करें.
उन्हें पेन्दी से काट दें. फिर ढक्कन में एक पतला छेद सूती का एक मोटा धागा प्रविष्ट करें. अब बोतल को उल्टी दिशा में गमलों के एक भाग में रोपण करें. इससे एक तरह पानी का संरक्षण होगा. मानव शक्ति का दुरुपयोग होने से बचेगा और महत्वपूर्ण पौधे को बूंद-बूंद कर निरंतर पानी मिलता रहेगा. निदेशक सुरेश कुमार ने कहा : जल ही-जीवन है. अगर हम एक-एक बूंद जल का संरक्षण करें तो मानव जीवन का भविष्य उज्जवल होगा.