चास को जरूरत के अनुसार नहीं मिल पा रहा पानी
चास: काफी जद्दोजहद के बाद बीते वर्ष 2016 में चास में पेयजल आपूर्ति शुरू तो की गयी, पर एक साल बीत जाने के बावजूद आवश्यकतानुसार जलापूर्ति नहीं हो पा रही. जलापूर्ति अनियमित भी नहीं होती है. फिलहाल चास में छह एमएलडी ही पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, जबकि चास में 24 एमएलडी (मिलियन […]
चास: काफी जद्दोजहद के बाद बीते वर्ष 2016 में चास में पेयजल आपूर्ति शुरू तो की गयी, पर एक साल बीत जाने के बावजूद आवश्यकतानुसार जलापूर्ति नहीं हो पा रही. जलापूर्ति अनियमित भी नहीं होती है. फिलहाल चास में छह एमएलडी ही पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, जबकि चास में 24 एमएलडी (मिलियन ली. प्रतिदिन) पेयजल की जरूरत है.
पेयजल आपूर्ति की क्षमता नहीं बढ़ायी गयी तो इस गरमी में भी चास वासी को पेयजल की समस्या से जूझना होगा. गौरतलब है कि करीबन चार दशकों के संघर्ष के बाद चास में पेयजल की आपूर्ति शुरू हो पायी. ऐसे में चास नगर निगम सहित जिला प्रशासन व जन प्रतिनिधि की उदासीनता भी लोगों को परेशान करती है.
प्राक्कलन के अनुसार नहीं हुआ है काम : प्राक्कलन के अनुसार दामोदर नदी से चास में पेयजलापूर्ति की जा रही है. चास में नियमित पेयजलापूर्ति के लिए तेलमच्चो दामोदर नदी के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. प्लांट में तीन पंपों के माध्यम से पानी संग्रह किया जाता है. इसके बाद ट्रीटमेंट कर जलापूर्ति की जाती है, लेकिन जल संग्रह के लिए पंप 15-20 मिनट ही चल पाता है. इसके बाद पंप को बंद कर देना पड़ता है. इंटेकवेल के पास चेक डैम का निर्माण करना था.
संवेदक ने नहीं किया चेकडैम का निर्माण : अभी तक चेकडैम का निर्माण संवेदक कंपनी द्वारा नहीं किया गया है. इस बाबत मेयर ने भी बोकारो डीसी तथा नगर विकास विभाग से पत्राचार किया था. जलापूर्ति योजना के प्राक्कलन में सीरीज में चेकडैम कराने का उल्लेख है. इस दिशा में नगर निगम सहित जिला प्रशासन गंभीर होता नहीं दिखता. योजना को पूरा कराने की जिम्मेवारी नगर विकास विभाग ने पेयजल व स्वच्छता को दी है. योजना का काम पेयजल व स्वच्छता के वरीय पदाधिकारी की देखरेख में कराया गया, लेकिन किसी ने इंटेकवेल के पास चेकडैम का निर्माण करवाना उचित नहीं समझा. इसका खामियाजा चास की जनता को भोगना पड़ रहा है.
चास में शीघ्र शुरू होगा दूसरी जलापूर्ति योजना का काम : चास की बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर नगर निगम दूसरी जलापूर्ति योजना का काम शुरू करने जा रहा है. 147 लाख रु लागत की योजना की निविदा भी निकाल दी गयी है. फिलहाल इस योजना का काम नहीं शुरू हो पाया है. ज्ञात हो कि जारी जलापूर्ति योजना से एक दर्जन से अधिक कॉलोनी को वंचित रखा गया है. फलत: इन वार्ड क्षेत्रों में पाइप लाइन का विस्तार नहीं हुआ है. इसे देखते हुए भी नगर निगम को दूसरी जलापूर्ति योजना का फैसला लेना पड़ा.