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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर. कमाल-धमाल और मालामाल…बीएस-03 को लूटने पहुंचे ग्राहक

बोकारो: आम तौर पर मार्च के महीने में जेब से पैसा निकालने के पहले लोग कई बार सोचते हैं. वित्तीय वर्ष का अंतिम माह होने के कारण बाजार सन्नाटा रहता है, लेकिन वर्ष 2017 का मार्च जाते-जाते लोगों को पैसा खर्च करने का बहाना दे गया. भारत स्टेज-03 वाहन की बिक्री व रजिस्ट्रेशन पर सुप्रीम […]

बोकारो: आम तौर पर मार्च के महीने में जेब से पैसा निकालने के पहले लोग कई बार सोचते हैं. वित्तीय वर्ष का अंतिम माह होने के कारण बाजार सन्नाटा रहता है, लेकिन वर्ष 2017 का मार्च जाते-जाते लोगों को पैसा खर्च करने का बहाना दे गया. भारत स्टेज-03 वाहन की बिक्री व रजिस्ट्रेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. स्टॉक में डंप वाहन को बेचने के लिए डीलरों के पास समय सीमित था, इसलिए सभी डीलरों ने स्टॉक हटाने के लिए बंपर छूट दी. दो पहिया वाहन में 22 हजार रुपया तक की छूट दी गयी. इसका फायदा उठाने के लिए लोगों में होड़ लग गयी.
न मॉडल-न रंग, बस छूट की चिंता : वाहन बेचने के लिए 31 मार्च को समय सीमा खत्म हो रही थी. शुक्रवार को एक-एक सेकेंड का महत्व था. इस कारण सुबह होते ही लोग विभिन्न शो-रूम की ओर दौड़ पड़े. शो-रूम भी हर दिन के मुकाबले जल्दी ही खुल गया. 10 बजते-बजते शो-रूम में वाहन कम व ग्राहक ज्यादा थे. ग्राहक को जो गाड़ी मिली उसी पर हामी भर दी. न तो वाहन के रंग की चिंता, न ही वाहन के इंजन की क्षमता का फिक्र. ग्राहकों को सिर्फ छूट वाली गाड़ी लेनी थी, चाहे जैसे मिले. नतीजा दोपहर होते-होते शो-रूम से वाहन का स्टॉक खत्म हो गया. शुक्रवार को जिला में 413 से अधिक वाहन की बिक्री हुई.
दोपहर बाद गिरा शो-रूम का शटर : दोपहर होते-होते लगभग सभी शो-रूम का स्टॉक खत्म हो गया, लेकिन ग्राहकों की संख्या में कमी नहीं आ रही थी. मजबूरन शो-रूम का शटर गिराना पड़ा. लोग इस बात का इंतजार करते दिखे कि शायद ज्यादा भीड़ के कारण शटर गिरा दिया गया है, कुछ देर के बाद दोबारा शटर खोला जायेगा. कुछ घंटा के बाद प्रयास करनेवालों को मायूसी हाथ आयी. जिन्होंने ऑफर का लाभ उठाया, उनका चेहरा तो खिला दिख रहा था, लेकिन जिनके हाथ खाली रहे, उन्हें अंगूर खट्टे लगने लगे.
स्विच ऑफ, आउट ऑफ कवरेज एरिया, ट्रिन-ट्रिन…
कहते हैं समय से पहले व किस्मत से ज्यादा किसी को नहीं मिलता है. लेकिन, यह ऑफर सीमित समय में बहुत कुछ देने वाला था. फलत: लोग इसका फायदा लेना चाहते थे. जिन्हें सीधा शो-रूम से वाहन उपलब्ध हो गया, उनके लिए ऑफर था. जिन्हें शो-रूम से निराशा मिली, वह पैरवी के जरिये वाहन खरीदने का तिकड़म भिड़ाने लगे. पैरवीकार अपनी क्षमता के अनुसार कोशिश करते दिखे. इस माथापच्ची से बचने के लिए शो-रूम ने मोबाइल को ऑफ कर लिया तो किसी ने मोबाइल को साइलेंट मोड में कर दिया.

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