जिला के सुदूर इलाकों में डाकघर की 32 शाखाएं खुलेंगी, सीडब्ल्यूसी ने बाल सुधार गृह का किया निरीक्षण
बोकारो: बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बुधवार को चास स्थित बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण करने वाले पदाधिकारियों में डाॅ विनय कुमार, डाॅ प्रभाकर, सुधीर कुमार, प्रीति व जिला प्रोटेक्शन यूनिट की अनिता झा व सरिता मौजूद थी. इस संबंध में डाॅ प्रभाकर ने बताया : बाल सुधार गृह में 10 से […]
बोकारो: बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बुधवार को चास स्थित बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण करने वाले पदाधिकारियों में डाॅ विनय कुमार, डाॅ प्रभाकर, सुधीर कुमार, प्रीति व जिला प्रोटेक्शन यूनिट की अनिता झा व सरिता मौजूद थी. इस संबंध में डाॅ प्रभाकर ने बताया : बाल सुधार गृह में 10 से 14 वर्ष के कुल 13 बच्चे थे.
सुधार गृह में साफ-सफाई, बच्चों की पढ़ाई व मनोरंजन की समुचित व्यवस्था है. बच्चों को सरकार द्वारा तय मेनु अनुसार भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये माता-पिता से बात करेंगे बच्चे
बोकारो. प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश के आदेश के आलोक में बुधवार को बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने आजीवन कारावास की सजा काट कर रहे एक दंपती को उनके बच्चों से मिलवाने का प्रयास किया. लेकिन दंपती का स्थानांतरण मंडल कारा चास से हजारीबाग जेल हो जाने के कारण बच्चे उनसे नहीं मिल सकें. इसके बाद बाल कल्याण समिति ने न्यायाधीश को पत्र लिखकर दोनों बच्चों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से माता-पिता से बात करवाने का अनुरोध किया है. सजा काट रहे दंपती का नाम ठेकेदार मांझी व दशमी देवी है. दंपती को स्थानीय न्यायाधीश ने सेशन ट्रायल संख्या 193/15 में आजीवन कारावास की सजा दी है. बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने दंपती के आठ व छह वर्ष के बच्चों को मानव सेवा आश्रम से निकाल कर अपने साथ लेकर चास मंडल कारा गयी. यहां जानकारी मिली की दंपती को हजारीबाग जेल भेज दिया गया है. दोनों बच्चों को पुन: मानव सेवा आश्रम में रखवा दिया गया है.