जरूरत 70 मेगावाट की मिल रही मात्र 42 एमवीए

चास: चास व आसपास के क्षेत्रों में लोग बीते दस दिनों से अनियमित बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. बिजली समस्या से पेयजल की संकट उत्पन्न हो गयी है. छोटे-बड़े कारोबारी भी प्रभावित हैं. फिलहाल चास के शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन 10-12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 9-10 घंटे ही बिजली मिल पा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2017 8:39 AM
चास: चास व आसपास के क्षेत्रों में लोग बीते दस दिनों से अनियमित बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. बिजली समस्या से पेयजल की संकट उत्पन्न हो गयी है. छोटे-बड़े कारोबारी भी प्रभावित हैं. फिलहाल चास के शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन 10-12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 9-10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. गरमी में बिजली समस्या ने परेशानी और बढ़ा दी है. फिलहाल चास विद्युत सब स्टेशन से चास व आसपास के क्षेत्र में नौ फीडरों के माध्यम से बिजली दी जा रही है. चास को डीवीसी चंद्रपुरा से बिजली मिलती है.

चास की जरूरत प्रतिदिन 70 एमवीए है और इन दिनों मिल रही है मात्र सिर्फ 42 एमवीए बिजली. मेन लाइन से 24 एमवीए व ड्राइ लाइन से 18 एमवीए बिजली आपूर्ति की जा रही है. इसके कारण चास विद्युत सब स्टेशन अपने उपभोक्ताओं को नियमित रूप से बिजली आपूर्ति करने में विफल साबित हो रहा है.

डीवीसी चंद्रपुरा की ओर से क्षमता के अनुसार भी विद्युत आपूर्ति नहीं की जा रही है. 33 हजार केवीए के बदले मात्र 26 हजार केवीए बिजली मिल पा रही है. इसके कारण घरों में 110 वोल्ट ही बिजली मिल पा रही है, जबकि कम से कम 240 वोल्ट होना चाहिए. इससे घरों में लगे पानी के लिए मोटर पंप, एसी सहित अन्य बिजली के उपकरण बेकार पड़े हैं.
आंधी-बारिश के कारण स्थिति और बिगड़ी : पिछले दिनों आंधी-पानी के कारण बिजली आपूर्ति और प्रभावित हुई है. दूसरी ओर जर्जर व्यवस्था के कारण भी लोगों को नियमित रूप से बिजली नहीं मिल रही है. कई फीडरों में विद्युत उपभोक्ताओं को जर्जर तार के माध्यम से बिजली आपूर्ति की जा रही है. हल्की हवा चलने पर भी विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है.
डीवीसी से कम बिजली मिलने के कारण काफी परेशानी आ रही है. विभाग के अधिकारियों द्वारा डीवीसी को सूचित किया जाता है. डीवीसी के अधिकारी गंभीर नहीं हैं. जर्जर बिजली तार बदलने का काम किया जा रहा है. बारी को-ऑपरेटिव कॉलोनी सब स्टेशन चालू हो जाने से लोगों को कुछ हद तक बिजली समस्या से निजात मिलेगी.
अनिल सिंह, सहायक विद्युत अभियंता, चास विद्युत कार्यालय

Next Article

Exit mobile version