105 कोर्स की 10, 572 सीटों पर होगा दाखिला जेइइ एडवांस्ड. बढ़ी हैं सीटों की संख्या
बोकारो : जेइइ एडवांस्ड की परीक्षा हो चुकी है. परिणाम के आने के साथ ही संयुक्त काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. आमतौर पर विद्यार्थियों के बीच धारणा होती है कि जेइइ एडवांस्ड में बैठ जाना ही आइआइटी में नामांकन के लिए पर्याप्त होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. जेइइ एडवांस्ड की परीक्षा के आधार […]
बोकारो : जेइइ एडवांस्ड की परीक्षा हो चुकी है. परिणाम के आने के साथ ही संयुक्त काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. आमतौर पर विद्यार्थियों के बीच धारणा होती है कि जेइइ एडवांस्ड में बैठ जाना ही आइआइटी में नामांकन के लिए पर्याप्त होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. जेइइ एडवांस्ड की परीक्षा के आधार पर देश की 23 आइआइटी की 10572 सीटों पर दाखिला होता है.
इस वर्ष सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है, पर यह स्पष्ट नहीं है कि किसी आइआइटी के किस ब्रांच में कितनी सीटें बढ़ी हैं. मालूम हो कि आइआइटी में चार वर्षीय बीटेक कोर्स और पांच इंटीग्रेटेड मास्टर कोर्स में एडमिशन लिया जाता है. इस रिपोर्ट में हम आइआइटी के चार वर्षीय कोर्स और पांच वर्षीय कोर्स और उनमें सीटों की संख्या दे रहे हैं.
डाक विभाग : आधुनिक संचार साधनों के बीच अस्तित्व बनाये रखने की चुनौती
संदेश भेजने के लिए किसी जमाने में कबूतर का उपयोग होता था. समय बदलने के साथ संदेश डाक विभाग का डाकिया लाने लगा. आधुनिक संचार संसाधनों के तीव्र विकास ने डाक विभाग की पूछ और अहमियत कम जरूर की है, लेकिन आज भी इसका अपना खास स्थान है. आज के समय में डाक विभाग के समक्ष अपने अस्तित्व को बनाये रखने की चुनौती है. इस चुनौती से निबटने के लिए डाक विभाग नित्य नयी-नयी योजना शुरू कर रहा है. विभाग द्वारा संचालित की जा रही नयी योजनाओं के कारण डाकघर की उपयोगिता बनी हुई है. फैक्स, मोबाइल, इंटरनेट आदि संचार सुविधाओं के बोलबाला के बीच पोस्टकार्ड, अंतरदेशीय, लिफाफे आदि की उपयोगिता घटी है. आधुनिक संचार साधनों के बीच जद्दोजहद करते डाक विभाग की स्थिति के आंकलन पर प्रस्तुत धर्मनाथ की यह रिपोर्ट.
बोकारो : एक समय था जब अपने नाते-रिश्तेदारों, परिचतों का हाल जानने व त्योहारों पर बधाई संदेश देने के लिए पोस्ट कार्ड, अंतरदेशीय पत्रों का उपयोग किया जाता था. वर्तमान में निजी कुरियर सेवाओं के बढ़ते प्रभाव व वर्तमान में मोबाइल, इंटरनेट, फैक्स के अस्तित्व में आने से डाक विभाग की उक्त सेवाओं पर विपरीत असर पड़ा है. गिने चुने लोग ही अब चिट्ठी पत्री का उपयोग करते है. एक दौर था जब साइकिल पर सवार होकर घंटी बजाते हुए आने वाले डाकिया का लोग बेसब्री से इंतजार करते थे. अब भी डाकिया तो आते हैं, लेकिन शायद ही किसी को डाकिया का इंतजार रहता है. इधर तार सेवा डाकघर से दूरसंचार विभाग में शामिल कर दी गयी है. पोस्ट आॅफिस में तार सुविधाएं का स्थान अब ई पोस्ट ने लिया है. इनके माध्यम से संदशों का आदान-प्रदान तीव्र गति से होने लगा है.
न तो नया खुला, न कोई बंद हुआ : जिले में एक मुख्य डाकघर, 21 उप डाकघर व इनकी 79 शाखाएं हैं. गत तीन वर्षों में कोई डाकघर न तो बंद हुआ और न ही कोई नया डाकघर खोला गया. जिले में जनसंख्या के हिसाब से डाकघर व उसकी शाखाएं स्थापित है.
महत्व तो बड़ा है : प्रधान डाकघर के डाकपाल सोमनाथ मित्रा ने बताया : वर्तमान में डाक विभाग का महत्व और अधिक बढ़ा है. शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, कही भी किसी का डाक आता है, तो डाकिया जिम्मेदारी से अपना कार्य करता है. यदि संबंधित का घर का पता परिवर्तित हो जाये तो उसका पता लगाकर उसके यहां डाक समय पर पहुंचायी जाती है. शासकीय डाक व अन्य कागजात भी डाकघर के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचाएं जाते है.
कई योजनाएं हैं उपलब्ध
श्री मित्रा ने बताया कि वर्तमान डाकघर में डाक जीवन बीमा-ग्रामीण डाक जीवन बीमा, मासिक आय योजना, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि खाता, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, डिपॉजिट, वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर, इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डर, रजिस्टर्ड पोस्ट, स्पीड पोस्ट, सेविंग बचत खाता सहित अनेक योजना संचालित की जारी रही है. टेलीफोन बिल व ग्रामीण क्षेत्रों के डाकघरों में बिजली के बिल भी जमा किये जाते है. साथ ही कोर बैकिंग व एटीएम की भी सुविधा उपलब्ध है.
कई योजनाएं हैं उपलब्ध
श्री मित्रा ने बताया कि वर्तमान डाकघर में डाक जीवन बीमा-ग्रामीण डाक जीवन बीमा, मासिक आय योजना, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि खाता, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, डिपॉजिट, वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर, इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डर, रजिस्टर्ड पोस्ट, स्पीड पोस्ट, सेविंग बचत खाता सहित अनेक योजना संचालित की जारी रही है. टेलीफोन बिल व ग्रामीण क्षेत्रों के डाकघरों में बिजली के बिल भी जमा किये जाते है. साथ ही कोर बैकिंग व एटीएम की भी सुविधा उपलब्ध है.