बोकारो. कौन से स्कूल में बच्चे का नामांकन करवायें, अब यह डिसाइड करना अभिभावकों के लिए आसान हो जायेगा. कहा जायें तो बच्चों के लिए अच्छे स्कूल का चयन करना अब अभिभावकों को लिए आसान हो जायेगा. अब सीबीएसइ स्कूलों की गुणवत्ता के आधार पर स्कूलों की ग्रेडिंग करने की योजना बना रहा है. स्कूलों उनके यहां पर पढ़ाई का क्या स्टैंडर्ड है, उसके अनुसार रैंकिंग की जायेगी. हर स्कूल को उनके यहां पर पढ़ाई की मिलने वाली सुविधा और रेगूलर पढ़ाई और रिजल्ट को आधार बनाया जायेगा. इस बार 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को भी उसमें शामिल किया जायेगा.
एजेंसी को मिली है ग्रेडिंग करने की जिम्मेवारी : स्कूलों काे ग्रेडिंग की जिम्मेवारी सीबीएसइ ने एजेंसी को दिया है. एजेंसी तमाम स्कूलों में जाकर सारी जानकारी लेने के सीबीएसइ को ग्रेडिंग की सूची देगी. ग्रेडिंग के लिए हर जोन में अलग-अलग एजेंसी काम करेगी. ग्रेडिंग के लिए 12 एजेंसियों को यह जिम्मेवारी दी गयी है.
नियम फॉलो हो रहे या नहीं, होगी जांच: हर क्लास में एनसीइआरटी बुक्स को अनिवार्य किया गया है, बच्चों के पीठ का बोझ खत्म करने के लिए क्लास दो तक बस्ता पर रोक लगाई जायें. इन नियमों को पिछले एक साल में सीबीएसइ द्वारा स्कूलों को
दिया गया है. सीबीएसइ ने जो भी नियम बनाया है, उन तमाम नियमों को स्कूल कितना फॉलो कर रहा है, उसकी जांच भी सीबीएसइ द्वारा की जायेगी. सीबीएसइ ने तैयारी शुरू कर दी है़ इस पहल से छात्रों को भी बहुत फायदा मिलेगा़ सूत्रों के अनुसार जिन स्कूलों में ये नियम लागू होंगे, उन स्कूलों को ग्रेडिंग का फायदा मिलेगा.
ग्रेडिंग में इन प्वाइंटों पर दिया जायेगा ध्यान
स्कूल में टीचर्स और स्टूडेंट्स का रेशियो क्या है.
कितने पीरियड की पढ़ाई हर दिन होती है.
एक सेक्शन में कितने स्टूडेंट्स हैं.
पढ़ाई के साथ एक्स्ट्रा एक्टिविटी की क्या सुविधा है.
महीने में कितने टेस्ट या परीक्षाएं स्कूल अपने स्तर पर लेता है.
कमजोर बच्चों पर स्कूल की क्या प्लानिंग होती है. ऐसे बच्चाें के लिए स्कूल क्या उपाय करता है.
स्कूल में एनसीइआरटी बुक्स से पढ़ाई होती है या नहीं.
हल्का बस्ता के लिए स्कूल ने क्या उपाय किया है.
पिछले तीन सालों में स्कूल का बोर्ड रिजल्ट कैसा रहा है.