‘भक्ति पाने के लिए नैतिक नियमों का पालन जरूरी’

आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन पांचजन्य और योगासन का कराया गया अभ्यास बोकारो : भक्ति पाने के लिए नैतिक नियमों का पालन करना होता है. अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, संतोष, तप, स्वाध्याय के पालन से मन निर्मल होता है. निर्मल मन से इष्ट का ध्यान करने से भक्ति सहज उपलब्ध होती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2017 3:59 AM

आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन

पांचजन्य और योगासन का कराया गया अभ्यास
बोकारो : भक्ति पाने के लिए नैतिक नियमों का पालन करना होता है. अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, संतोष, तप, स्वाध्याय के पालन से मन निर्मल होता है. निर्मल मन से इष्ट का ध्यान करने से भक्ति सहज उपलब्ध होती है. परम पुरुष की इस अंतरंगता को भक्त ही अनुभव करते हैं. यह कहना है आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत का. वह शनिवार को संघ की ओर से आनंद नगर में आयोजित तीन दिवसीय विश्वस्तरीय धर्म सम्मेलन के दूसरे दिन संबोधित कर रहे थे.
कौशिकी व तांडव नृत्य का आयोजन : कार्यक्रम में कौशिकी व तांडव नृत्य किया गया. महिला कल्याण विभाग के केंद्रीय सचिव अवधूतिका आनंद अभिसमबुद्धा ने कौशिकी नृत्य पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा : नृत्य से 22 रोग दूर होते हैं. सेवा धर्म मिशन के केंद्रीय सचिव आचार्य सविता नंद अवधूत ने तांडव नृत्य के बारे में बताया. कहा : तांडव भय को भगाता है. चुनौतियों से मुकाबला करने की प्रेरणा मिलती है.
रिलीफ टीम ने बांटे वस्त्र : प्रात:काल सत्र में गुरु सकाश, पाञ्चजन्य व योगासन का अभ्यास किया गया. संध्या सत्र में रिनेसां आर्टिस्ट एंड राइटर एसोसिएशन के कलाकार लिपिका
देव, रांची से माधवी, हिमाचल प्रदेश से सुनीता देव, सरजू महतो, शिशु सदन प्रियंका देव, कोटा राजस्थान से कोमल, पुंदाग से प्राची, बीकानेर से प्रकृति, सोना, प्रिया, प्रमा, प्रज्ञा,
खुशी, पूजा व शिल्पा ने प्रस्तुति दी. कार्यक्रम प्रोफेसर मृणाल पाठक की देखरेख में संपन्न हुआ. रविवार को आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम की ओर से 1000 साड़ी व धोती का वितरण होगा.
सेक्टरों में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा में किया जाये सुधार : कृष्णा राय

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