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एक चिकित्सक दो क्लीनिकों में ही कर सकते हैं प्रैक्टिस, सुनिश्चित करें टीम : डीसी

पीसीपीएनडीटी एक्ट जिला सलाकार समिति की बैठक, नियमित अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों का होगा औचक निरीक्षण, पीसीपीएनडीटी एक्ट का पालन नहीं करने वाले क्लीनिकों पर होगी कार्रवाई, सीएस कार्यालय के प्रधान सहायक का कार्य में लापरवाही को लेकर वेतन स्थगित का निर्देश

बोकारो, समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में बुधवार को डीसी विजया जाधव ने पीसीपीएनडीटी एक्ट जिला सलाहकार समिति की बैठक की. कहा कि एक चिकित्सक किसी दो क्लिनिक में ही प्रैक्टिस कर सकते हैं. इसे पीसीपीएनटी टीम सुनिश्चित करने को कहा. वहीं, दोनों क्लिनिक के बीच की दूरी 08 -10 किमी ही हो. साथ ही उन्होंने जिले में संचालित सभी क्लिनिक संचालकों को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत वर्णित सभी नियमों का अक्षरशः अनुपालन करने को कहा. नहीं तो जांच के क्रम में एक्ट का उल्लंघन पाएं जाने पर क्लिनिक संचालकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. श्रीमती जाधव ने क्रमवार विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की. उन्होंने जिले में अल्ट्रासाउंड क्लीनिक के निबंधन व नवीकरण के लिए प्राप्त आवेदनों की जानकारी ली. नोडल पदाधिकारी ने बताया कि समीक्षा के लिए 69 फार्म बी, निबंधन के लिए कुल चार आवेदन, जबकि नवीकरण के लिए चार आवेदन व स्थल परिवर्तन के लिए एक आवेदन प्राप्त हुआ है. डीसी ने वैसे क्लीनिकों की सूची तैयार करने को कहा, जिनका नवीकरण तिथि समीप है. उन सभी को नोटिस देने के साथ टीम को औचक जांच क्रमवार सभी क्लीनिकों को करने का निर्देश दिया. डीसी ने अल्ट्रासाउंड क्लिनिक से प्राप्त फार्म-एफ का स्क्रूटनी करने, जांच के क्रम में त्रुटि या कमी मिलने पर संबंधित क्लिनिक को नोटिस करने का निर्देश दिया. फार्म में सभी जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित होने की बात कही. डीसी ने पीसीपीएनडीटी मद में उपलब्ध राशि का इस्तेमाल जागरूकता, सील सामग्रियों को सुरक्षित रखने के लिए मालखाना को व्यवस्थित करने में खर्च करने को कहा. नोडल पदाधिकारी को जिले के सभी प्रखंडों में कार्यशाला आयोजित करने को कहा. इसकी शुरुआत चास व चंदनकियारी प्रखंड से करने को कहा. कार्यशाला में स्वास्थ्य सहिया, सेविका–सहायिका, जेएसएलपीएस की महिला समूह के सदस्यों आदि को शामिल करने का निर्देश दिया. डीसी ने कार्य में लापरवाही करने, नियमित बैठक का आयोजन नहीं करने, फार्म एफ की स्क्रूटनी नहीं करने, जिला समाज कल्याण को फार्म उपलब्ध नहीं कराने सहित अन्य कार्यों में दिलचस्पी नहीं लेने को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान सहायक का वेतन अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया. वहीं, सिविल सर्जन को अल्ट्रासोनोग्राफी को लेकर निजी अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों से एमओयू करने को लेकर अविलंब कार्रवाई करने को कहा. इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा कर जरूरी दिशा–निर्देश दिया. एक्ट के संबंध में कानूनी सलाहकार प्रियंका सिंघल ने विस्तार से समिति सदस्यों को अवगत कराया. ये थे मौजूद : मौके पर डीडीसी गिरजा शंकर प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद, डीपीआरओ साकेत कुमार पांडेय, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार, नोडल पदाधिकारी शक्ति कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी कुमार कनिष्क, आइएमए पदाधिकारी डॉ मीता सिन्हा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सेलिना टुडू, डॉ एनपी सिंह, समाजसेवी प्रगति शंकर, एडीपीआरओ अविनाश कुमार सिंह, डीडीएम कंचन कुमारी आदि मौजूद थे.

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