बोकारो के खुदीबेड़ा में घुसा 32 हाथियों का झुंड, मचाया उत्पात, दहशत में ग्रामीण
बोकारो जिले के कसमार के खुदीबेड़ा में 32 हाथियों का झुंड घुस गया. इस दौरान हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. इससे ग्रामीण दहशत में हैं. हाथियों ने फसलों को रौंद दिया.
कसमार (बोकारो): झारखंड के बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के हिसीम व खुदीबेड़ा गांव में शनिवार को दिनदहाड़े हाथियों के एक झुंड के घुस जाने से अफरातफरी मच गयी. झुंड में लगभग 32 हाथी शामिल हैं, जो अलग-अलग टुकड़ी में बंटे हुए हैं. इस दौरान हाथियों के झुंड ने खुदीबेड़ा समेत आसपास के गांवों के कई ग्रामीणों की गेहूं व अन्य फसलों को रौंद कर बर्बाद कर दिया.
सुबह में ही पहुंचा हाथियों का झुंड
जानकारी के अनुसार, हाथियों का झुंड हिसीम-केदला व सेवाती के घने जंगल से होते हुए सुबह करीब 9:00 बजे गांव में प्रवेश कर गया. कुछ देर बाद ही झुंड खुदीबेड़ा पहुंचा एवं गांव के किनारे खेतों में लगी फसलों को रौंदना शुरू कर दिया. खुदीबेड़ा के छोटू राम महतो, राजन महतो एवं अजित महतो की लगभग दो एकड़ में लगी गेहूं की फसल को रौंदकर चौपट कर दिया. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों की फसलों को भी नष्ट किया है. खुदीबेड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 10 सालों के बाद हाथियों का झुंड दिनदहाड़े इस गांव में प्रवेश किया है. इसके चलते गांव में दशहत का माहौल कायम हो गया. निकटवर्ती सिंहपुर एवं पिरगुल में भोक्ता परब आयोजित होने के कारण काफी संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा हुआ था. हाथियों के झुंड के कारण उनके बीच भी भय समाया हुआ था. एक झुंड हिसीम के महादेव बेड़ा के पास सड़क के किनारे डेरा जमाए हुए था. हिसीम के लालू महतो में बताया कि इसके चलते ग्रामीणों का आवागमन काफी कम रहा.
माइकिंग कर श्रद्धालुओं को किया अलर्ट
सिंहपुर पूजा कमेटी की ओर से बार-बार माइकिंग कर श्रद्धालुओं को अलर्ट किया जा रहा था. घटना की सूचना पाकर वनकर्मी ठाकुरदास महतो मौके पर पहुंचे तथा गांव में घूम कर क्षति का जायजा लिया. श्री महतो ने बताया कि क्षति की जानकारी विभाग के अधिकारियों को दी गयी है. दूसरी ओर संयुक्त ग्राम वन प्रबंधन समिति खुदीबेड़ा के अध्यक्ष अधीरचंद्र चक्रवर्ती ने गांव में दिन दहाड़े हाथियों का झुंड प्रवेश करने पर चिंता जताई है. कहा कि इस तरह अगर हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश करने लगा, तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है. कहा : वन विभाग एवं सरकार को चाहिए कि इस दिशा में ठोस दिशा में अविलंब कोई ठोस कदम उठाये, जिससे हाथियों को गांव में प्रवेश करने से रोका जा सके.
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