दीपक सवाल, कसमार, जरीडीह प्रखंड अंतर्गत भस्की पंचायत के योगीडीह निवासी इंद्रजीत मरांडी का परिवार करीब नौ माह से सरकारी स्कूल के पुराने भवन में रह रहा है. इंद्रजीत का अपना कच्चा घर अत्यंत जर्जर हो जाने से इस परिवार को यह कदम उठाना पड़ा है. उसका अपना मिट्टी का घर अत्यंत जर्जर होकर खंडहर जैसा हो चुका है. वह कभी भी ढह कर गिर सकता है.
घर की मरम्मत कराने लायक पैसे नहीं :
परिवार में कुल पांच सदस्य हैं. इंद्रजीत बाहर मजदूरी करता है. घर में पत्नी शकुंतला देवी एवं तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं. शकुंतला ने बताया कि उसका खपरैल का कच्चा घर काफी पुराना है. इसलिए पूरे परिवार को पिछले नौ महीने से सरकारी स्कूल के पुराने भवन में आकर शरण लेनी पड़ी है. उन्होंने बताया कि अबुआ आवास के लिए वह फॉर्म भर कर दे चुकी है, अभी तक आवास नहीं मिला है. शकुंतला ने कहा कि उनका परिवार अत्यंत गरीब है. पति मजदूरी कर किसी प्रकार परिवार का जीविकोपार्जन हो पाता है. घर की मरम्मत कराने लायक पैसे नहीं.ट्वीट के बाद मिला अनाज :
इधर, इसी पंचायत के टोंडरा निवासी समाजसेवी कमाल हसन ने इस मामले को लेकर बुधवार को ट्वीट किया, तो प्रशासन हरकत में जरूर आया. इस परिवार को आपदा राहत के तहत जरीडीह बीडीओ के आदेश पर भस्की मुखिया मंटू राम मरांडी और पंसस जगदीश मरांडी ने 50 किलो चावल मुहैया कराया. हालांकि, बीडीओ या कोई अन्य अधिकारी व कर्मी ने गांव आकर उसकी सुधि नहीं ली है. मो कमाल हसन ने कहा कि परिवार को सरकारी आवास की सख्त जरूरत है और प्रशासन को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है. मौके पर समाजसेवी भागीरथ महतो, राहुल कुमार महतो, गोबिंद सिंह, मिथिलेश मुर्मू आदि मौजूद थे.क्या कहते हैं अधिकारीमामला संज्ञान में आया है. संबंधित परिवार को अबुआ आवास उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. कतिपय कारणों से पिछले लक्ष्य में उनका नाम छूट गया था. नये लक्ष्य में इनका नाम शामिल कर आवास उपलब्ध करा दिया जायेगा. इसे ग्राम सभा में भी पारित कर लिया गया है. तत्काल परिवार को खाद्य सुरक्षा के तहत 50 किलो अनाज उपलब्ध कराया गया है और यह परिवार स्कूल भवन में रह रहा है.
जयपाल महतो,
बीडीओ, जरीडीहडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है