बोकारो की आरुषि ने लिखा 95 पेज का नॉवेल ‘लव एंड एनमिटी’, बोलीं- ब्रिटिश लेखक से मिली प्रेरणा
नॉवेल ‘लव एंड एनमिटी’ पाठकों को अपनी सम्मोहक कहानी और अनूठी साहित्यिक शैली से प्रभावित करती है. अमेजन पर ऑनलाइन उपलब्ध नॉवेल को पाठकों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
बोकारो जिस उम्र में जब प्राय: विद्यार्थी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स या मोबाइल गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं, उस उम्र में डीपीएस बोकारो सेक्टर-चार की छात्रा आरुषि पांडेया(18 वर्ष) ने अंग्रेजी नॉवेल ‘लव एंड एनमिटी’ लिख डाला है. आरुषि ने इसी वर्ष 12वीं बोर्ड परीक्षा देने के बाद डेढ़-दो माह में 95 पेज का नॉवेल लिखा है. नॉवेल ‘लव एंड एनमिटी’ पाठकों को अपनी सम्मोहक कहानी और अनूठी साहित्यिक शैली से प्रभावित करती है. अमेजन पर ऑनलाइन उपलब्ध नॉवेल को पाठकों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. इंटर के बाद आरुषि का चयन दिल्ली के जीडी गोयनका विश्वविद्यालय में फैशन डिजाइनिंग कोर्स के लिए हुआ है.
ब्रिटिश लेखक जेके रोलिंग व कृष कॉलफर से प्रेरित है आरुषि
मंगलवार को आरुषि पांडेया के पहले नॉवेल ‘””लव एंड एनमिटी’ का विमोचन डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने सेक्टर वन स्थित हंस रिजेंसी के सभागार में किया. डॉ. गंगवार ने कहा : यह जानकर खुशी होती है कि आरुषि जैसे कम उम्र के विद्यार्थी इस तरह के रचनात्मक प्रयासों के साथ आ रहे हैं. वहीं आरुषि ने कहा : यह मेरा डेब्यू नॉवेल है. यह नॉवेल मैंने हैरी पॉटर के लेखक जेके रोलिंग व टेल ऑफ मैजिक के लेखक कृष कॉलफर से प्रेरित होकर लिखा है. इसकी सीरिज आगे भी आयेगी. मौके पर जीपीपीएस बोकारो के प्रिंसिपल सोमेन चक्रवर्ती, एआरएस पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर रामलखन यादव, जीजीपीएस चास के प्राचार्य अभिषेक, जीजीपीएस धनबाद के प्रिंसिपल उमाशंकर सिंह, उप प्राचार्य सीपी सिंह सहित कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे.
डॉ. सुजीत पांडे व डॉ. रंजना पांडे की पुत्री हैं आरुषि
आरुषि के पिता डॉ. सुजीत पांडे बोकारो के प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपिक एंड जनरल सर्जन है. मां डॉ. रंजना पांडे बोकारो जेनरल अस्पताल में वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ है. आरुषि कहा कि जब वह मोबाइल पर कुछ देखती थी तो माता-पिता कहते थे : मोबाइल इतनी देर मत देखो, आंख पर असर पड़ेगा. इससे अच्छा है कि कुछ लिख-पढ़ लो. आरुषि को पुस्तकें पढ़ने और खाली समय में अपने मन में आने वाले विचारों को संकलित करने का शौक है.