झारखंड आंदोलनकारियों से प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत लेने का आरोप
झारखंड आंदोलनकारियों से प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत लेने का आरोप
ललपनिया. तेनुघाट जेल से संसीमन होने का प्रमाण पत्र निर्गत करने के एवज में झारखंड आंदोलनकारियों से रिश्वत लेने का आरोप तेनुघाट उपकारा के कंप्यूटर ऑपरेटर विजय कुमार ठाकुर पर लगाया गया है. झारखंड आंदोलनकारी और सीपीआइ नेता इफ्तेखार महमूद ने इस संबंध में जेल अधीक्षक और अनुमंडल पदाधिकारी से लिखित शिकायत की है. अनुमंडल पदाधिकारी की अनुपस्थिति में कार्यपालक दंडाधिकारी प्रवीण कुमार को आवेदन दिया गया. इफ्तेखार महमूद ने बताया कि कुछ आंदोलनकरियों को संसीमित होने का प्रमाण पत्र दिया गया है, उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर विजय कुमार ठाकुर को तीन हजार रुपया देना पड़ा है. एक तथ्य यह भी है कि दो माह से अधिक के समय बीत जाने के बाद भी आवेदनों पर जेल प्रशासन द्वारा विचार-विमर्श नहीं हुआ और ना ही किन्हीं को संसीमित होने का प्रमाण पत्र दिया गया. पेटरवार थाना कांड संख्या 39/83 तथा बोकारो थर्मल थाना कांड संख्या 53/83 में दिनांक 14 मई 1983 से जेल में संसिमन होने का प्रमाण पत्र दिया जाना है. इसके आधार पर झारखंड आंदोलनकारियों को चिह्नित किया जा सकेगा. मौके पंचानन महतो, महेश रजवार, राधेश्याम राम, जयलाल महतो, दीनू रजवार, नकुल महतो, चूमन महतो, सुरेश प्रजापति आदि मौजूद थे.
आरोप झूठा है. किसी को प्रमाण पत्र देने की कोई शक्ति मेरे पास नहीं है.
विजय कुमार ठाकुर, कंप्यूटर ऑपरेटर, तेनुघाट उपकाराशिकायत तो आयी है. कार्रवाई के लिए मामला वरीय पदाधिकारी को अग्रसारित किया जायेगा.
प्रवीण कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी
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