12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना संक्रमित की मौत पर डब्लूएचओ का बॉडी डिस्पोजल का नियम

बोकारो : कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव को पूरी सावधानी के साथ एक बैग में पैक कर स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को दोनों पुत्रों के साथ डिस्पोजल के लिए साड़म भेजा. बॉडी डिस्पोजल को लेकर डब्लूएचओ ने दिशा निर्देश जारी किया है. क्या है डब्ल्यूएचओ का दिशा-निर्देश पोस्टमार्टम हाउस में क्या […]

बोकारो : कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव को पूरी सावधानी के साथ एक बैग में पैक कर स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को दोनों पुत्रों के साथ डिस्पोजल के लिए साड़म भेजा. बॉडी डिस्पोजल को लेकर डब्लूएचओ ने दिशा निर्देश जारी किया है.

क्या है डब्ल्यूएचओ का दिशा-निर्देश

पोस्टमार्टम हाउस में क्या करना है- पॉजिटिव केस वाले शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना है. अगर किसी परिस्थिति में पोस्टमार्टम किया जाता है, तो चिकित्सक व संबंधित कर्मी पीपीइ किट का इस्तेमाल करेंगे. शव को प्लास्टिक के सील बैग में रखा जाएगा. फिर कीट व अन्य सारे सामानों को सेनिटाइज करना है.

– मर्चरी, एंबुलेंस चालक, पोस्टमार्टम कर्मचार, श्मशान व कब्रिस्तान के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देनी है कि कैसे बॉडी को डिस्पोजल किया जाये. स्वास्थ्य कर्मचारी के पास पीपीइ किट, ग्लब्स, एन 95 मास्क, आइसोलेशन या फिर वेंटिलेटर के समय पाइप, ड्रेन, ट्यूब सहित अन्य सामानों को सेनेटाइज करने के बाद डिस्पोजल करना है.

– मरीज को किसी कारण से जख्म हो जाता है, खून बह रहा है, तो उसे साफ करना है.

– मरीज की मौत होने पर जितनी पाइप व उपकरण लगे हैं. उसे तुरंत हटा लेना है. नहीं होने पर शव से तरल पदार्थ लिकेज हो सकता है और इससे संक्रमण का खतरा होता है.

– शव को देखने के लिए परिजनों को सेफ्टी किट के साथ जाना होगा.

– बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की नियमावली के अनुसार बायो वेस्ट का डिस्पोजल करना है.- स्वास्थ्य कर्मचारी शव को छू सकता है. इसके बाद अपना पीपीई किट हटाकर हाथ को सेनेटाइज करना है.

– जहां शव था वहां फ्लोर बेड, रेलिंग, साइड टेबल, स्टूल स्टैंड को एक प्रतिशत सोडियम क्लोराइड सॉल्यूशन से 30 मिनट तक सेनेटाइज करना है. उसके बाद उसे सुखाना है, फिर उसका उपयोग किया जा सकता है.

पोस्टमार्टम हाउस में क्या करना है

कर्मचारियों को पीपीइ किट का इस्तेमाल करना है.

– शव को चार डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना है.

– मर्चरी को सेनिटाइज करना है.

– परिजनों को शव छूने नहीं देना है. इच्छा जताने पर शमशान का स्वास्थ्य कर्मचारी ही चेहरे को दिखायेगा.

– अंतिम संस्कार बैग के साथ ही कर देना है. अंतिम विधि विधान नहीं करना है.

– अंतिम संस्कार के बाद अस्थि परिजन ले सकते हैं. उसमें किसी तरह का खतरा नहीं होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें