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गोमिया-बेरमो को जिला बनाने की मांग पर 36 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन, लंबोदर महतो ने भरी हुंकार

गोमिया के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा है कि मानसून सत्र में विधानसभा में इस मामले को उठायेंगे. छह दिसंबर तक बेरमो जिला नहीं बना तो जोरदार आंदोलन होगा. अलग राज्य बनाने की मांग पर गोमिया प्रखंड के सामने 36 पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने धरना-प्रदर्शन किया.

बोकारो जिले के गोमिया-बेरमो को अलग जिला बनाने की मांग शुरू हो गयी है. बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में गोमिया प्रखंड मुख्यालय के समीप धरना-प्रदर्शन किया गया. इसमें गोमिया प्रखंड के 36 पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. गोमिया बैंक मोड़ से प्रखंड कार्यालय तक जुलूस निकाला गया.

धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से गोमिया के विधायक डॉ लंबोदर महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता देवी व जिला परिषद सदस्य डॉ सुरेंद्र राज उपस्थित थे. अध्यक्षता गोमिया प्रमुख प्रमिला चौड़े ने की. समिति के संयोजक संतोष नायक व सह संयोजक कुलदीप प्रजापति ने संचालन किया. धरना को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि सभी अहर्ताएं पूरी करने के बाद भी बेरमो का जिला नहीं बनना दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि इस मामले को विधानसभा में कई बार उठाया, लेकिन सरकार द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है. फिर विधानसभा के मानसून सत्र में मामला उठाया जायेगा. छह दिसंबर तक जिला नहीं बना तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा. जिप अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बेरमो को जिला बनाने के प्रस्ताव की अनदेखी कर रही है. जब तक मांग पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा.

41 साल से हो रही है जिला बनाने की मांग

बेरमो अधिवक्ता संघ के सचिव वकील प्रसाद महतो ने कहा कि वर्ष 1972 में बिहार सरकार में बेरमो अनुमंडल बना तथा नवसृजित गिरिडीह जिला का अनुभाग बनाया गया. बिहार राज्य में बेरमो 20 वर्ष तक जिला का दर्जा प्राप्त नहीं कर सका. झारखंड अलग राज्य बनने के 20 वर्ष (2001 से 2022) बाद भी यही स्थिति है. जिला बनाने का काम सरकार की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है. इस शक्ति को जागृत करने का काम बेरमो के जनप्रतिनिधियों का था. पर 41 वर्षों में किसी जनप्रतिनिधि ने सार्थक प्रयास नहीं किया. अब सभी को एकजुट होकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा.

आंदोलन में ये लोग थे मौजूद

धरना-प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम बीडीओ को मांग पत्र सौंपा गया. आंदोलन में इनकी रही सहभागिता कसमार जिप सदस्य नियोक्ति डे, तेनुघाट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा, भाजपा ओबीसी मोर्चा के केंद्रीय सदस्य देवनारायण प्रजापति, जिला अध्यक्ष चितरंजन साव, बबलू तिवारी, चंदना डे, भाकपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य इफ्तेखार महमूद, अधिवक्ता मंटू डे, चतुर्भुज नायक, राकेश कुमार, तेजनारायण महतो, धर्मेंद्र महतो, गजाधर महतो, सब्बीर अंसारी, आंनद कुमार श्रीवास्तव, डीएन तिवारी, महुआ कारक, चंद्रशेखर सिंह, रंजीत सिंह, चेतनानंद प्रसाद, पूर्व मुखिया घनश्याम राम, मुखिया बलराम रजक, बिनोद विश्वकर्मा, तारामणि देवी, शांति देवी, अंशु कुमारी, बंटी उरांव, पंसस विष्णुलाल सिंह, जनकदेव यादव, महेश रविदास, निमाय सिंह, उप मुखिया अनिल यादव, राजेश विश्वकर्मा, गंदौरी राम, दरबारी मांझी, विशाल चौहान, राजकुमार यादव, मिथुन चंद्रवंशी, संदीप स्वर्णकार, विकास जैन, मृणालकांति देव, परमानंद प्रजापति, रामजी प्रसाद, बुधेश्वर प्रजापति, सोमनाथ गंझू, राजेश पांडेय, बिनोद यादव, रवींद्र प्रसाद, योगेश यादव, हेमंत यादव, रोहित यादव, बिंदेश्वर महतो, विद्यानंद, सुधीर ठाकुर व अन्य.

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