मांगों पर बनी सहमति, विस्थापितों ने लिया आंदोलन वापस

मांगों पर बनी सहमति, विस्थापितों ने लिया आंदोलन वापस

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 11:05 PM

फुसरो. त्रिपक्षीय वार्ता में कारो के विस्थापितों की 18 सूत्री मांगों पर सहमति बनने के बाद मंगलवार को तीसरे दिन चक्का जाम आंदोलन वापस लिया गया. सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र के कल्याण मंडप करगली में मंगलवार की शाम को बेरमो सीओ संजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रबंधन के साथ विस्थापितों की वार्ता हुई. जीएम के रामा कृष्णा, कारो पीओ शंभू झा, सीसीएल मुख्यालय के एलएंडआर विभाग के अधिकारी वीएन राम, आशुतोष मिश्रा, कर्मिक विभाग के पीयूष कुमार आदि उपस्थित थे. सीओ ने कहा कि विस्थापितों को उनका अधिकार मिलेगा. प्रबंधन विस्थापितों को साथ लेकर खदान संचालित करे और स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराये. विस्थापितों के नियोजन को लेकर सीसीएल मुख्यालय स्तर पर लंबित मामले पर अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. जिन विस्थापितों की वंशावली नहीं बनी है, ग्रामसभा कर बनायी जायेगी. कारो पुनर्वास स्थल के सीमांकन की मापी 20 जुलाई को अंचल अमीन के द्वारा करायी जायेगी. जीएम ने कहा कि जिनकी जमीन अधिग्रहीत की जा रही है, उन्हें कोल इंडिया की आर-आर पॉलिसी के तहत नियोजन व मुआवजा देंगे. संजय गंझू के नियोजन की प्रक्रिया हाई कोर्ट से ओपिनियन आने के बाद की जायेगी. मेहलाल गंझू व अजय गंझू का लंबित नियोजन का मामला प्रक्रिया में है. दोनों के पक्ष में लीगल ओपिनियन आ गया है. संभवतः पांच माह के अंदर नियोजन दिया जायेगा. विस्थापितों का नेतृत्व कर रहे जेबीकेएसएस नेता कमलेश महतो व विस्थापित नेता सोहनलाल महतो ने कहा कि मुआवजा और नौकरी के लिए विस्थापित वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन प्रबंधन टालमटोल की नीति अपना रहा है. कागजी कार्रवाई में विलंब की जा रही है. हमारी जमीन की कमाई दूसरा-तीसरा खा रहा है और विस्थापित भटकने को विवश हैं. ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे. विस्थापितों ने कोलियरी में रोजगार उपलब्ध कराने, वर्तमान बाजार दर से भूमि व मकान का मुआवजा आदि देने की मांग की. कहा कि प्रबंधन बैठक में लिये गये निर्णय को निर्धारित समय में अमलीजामा नहीं पहनायेगा तो विस्थापित उग्र आंदोलन करेंगे. कहा कि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की मांग को लेकर कारो परियोजना में कार्य कर रही झांझर ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक से वार्ता की जायेगी. प्रबंधन भी इस पर पहल करे. मौके पर रेवेन्यू ऑफिसर बीके ठाकुर, मनीष महेश्वरी सहित संजय गंझू, मेघलाल गंझू, अजय गंझू, कुलदीप गंझू, चैता गंझू, कुंवर मांझी, ममता देवी, गीता देवी, गुड़िया देवी, कामिनी देवी, सोरमुनि देवी, भूखली देवी, मीना देवी, फागुनी देवी, तारा देवी, सुनीता देवी, सोनी देवी, खगेश्वर रजक, लखन हांसदा, मिथलेश गंझू सहित कई विस्थापित-ग्रामीण मौजूद थे.

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