धोखाधड़ी मामले में एटक नेता को एक साल की सजा

धोखाधड़ी मामले में एटक नेता को एक साल की सजा

By Prabhat Khabar News Desk | August 20, 2024 11:03 PM

तेनुघाट. तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाये जाने के बाद यूनियन नेता सुरेश कुमार शर्मा को एक साल की सजा सुनायी. दुगदा थाना क्षेत्र अंतर्गत केवट टोला निवासी बेनी केवट ने वर्ष 2015 में उसके खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया था. उनका कहना था कि गोमिया थाना अंतर्गत खुदगदा निवासी सुरेश कुमार शर्मा यूनाइटेड कोल वर्क्स यूनियन (एटक) के सचिव है. उन्होंने ठेका मजदूरों की सीसीएल में स्थायी नौकरी के लिए धनबाद में ट्रिब्युनल 1 (सीजीआइटी-1) में वर्ष 1992 में मुकदमा दायर किया था, जिसका अवार्ड मजदूरों के हित में 3/10/96 को हुआ था. मजदूरों के स्थायीकरण के लिए सीसीएल दरभंगा हाउस रांची में फॉर्म “बी ” भर कर उनके द्वारा वर्ष 2009 में जमा किया गया था. फार्म “बी ” भरने के बाद फोटो व मतदाता पहचान पत्र की फोटो कॉपी उनके पास जमा की थी. श्री शर्मा द्वारा कहा गया कि इसे फॉर्म “बी ” के साथ लगा कर मेरे द्वारा सत्यापित कर भेजा जायेगा. फॉर्म सीसीएल दरभंगा हाउस रांची में जमा करने व जल्द नौकरी दिलाने के एवज में अगस्त 2009 को उन्होंने नगद 15 हजार रुपये कर्ज लेकर व गहना बेच कर श्री शर्मा को दिया. लगभग एक साल बाद पंचाट किये गये 324 ठेका मजदूरों में से 142 ठेका मजदूरों के स्थायीकरण के लिए सीसीएल मुख्यालय से पत्र आया और उनकी नियुक्ति कथारा क्षेत्र में हुई. इसमें कई फर्जी भी थे. कंपनी द्वारा जांचोपरांत इन्हें चार्जशीट भी किया गया. सूचक एवं अन्य लोगों द्वारा बार-बार अपनी नौकरी के स्थायीकरण के बारे में श्री शर्मा से पूछताछ की जाती, लेकिन टालमटोल करते रहे. वर्ष 2014 में पता लगा कि शेष 182 ठेका मजदूरों के स्थान पर फर्जी लोगों का फोटो लगा कर श्री शर्मा द्वारा सत्यापित कर नियुक्ति के लिए सीसीएल दरभंगा हाउस भेज दिया है. जनवरी 2015 में सीसीएल मुख्यालय में गये अधिकारियों ने बताया कि श्री शर्मा द्वारा 182 पंचाटधारी मजदूरों की सूची ट्रिब्युनल 1 धनबाद में भेज दी गयी है. इसके बाद ट्रिब्युनल गये तो पता चला कि उसका और अन्य लोगों का नाम और पिता का नाम सही है, किंतु फोटो किसी और का चिपका कर श्री शर्मा द्वारा सत्यापित किया गया है. वह लोग उनके आवासीय कार्यालय पहुंचे तो श्री शर्मा भड़क गये और मारपीट कर भगा दिया. इधर, सजा सुनाये जाने के बाद सुरेश कुमार शर्मा को सजा के खिलाफ अपील में जाने का आवेदन देने पर जमानत पर छोड़ा गया. अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक आशीष कुमार तिवारी और नवीन कुमार मिश्रा के साथ सूचक के अधिवक्ता रियाज अंसारी ने बहस की.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version