बोकारो, सुनील तिवारी : संस्कृति मंत्रालय ने छऊ नृत्य के लिए बोकारो की आकांक्षा प्रियदर्शिनी का चयन वर्ष 2020-21 के जूनियर फेलोशिप अवॉर्ड के लिए किया है. संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करनेवालों को यह फेलोशिप दी जाती है. यह दो वर्ष के लिए मिलती है, जिसे योजना के अनुसार छह माह का अतिरिक्त विस्तार भी दिया जाता है. गुरुवार को प्रभात खबर से बातचीत में आकांक्षा ने बताया कि उनका सफर डीपीएस-4 से शुरू हुआ था. नृत्य शिक्षक निर्मल्य शर्मा का मार्गदर्शन मिला. 12वीं के बाद कॅरियर के रूप में नृत्य के लिए दिल्ली आयीं.
साध्या नृत्य कंपनी में कलाकार बनने का मिला मौका
2012 में साध्या नृत्य कंपनी में कलाकार बनने का मौका मिला. वहां गुरु संतोष नायर के मार्गदर्शन में मयूरभंज छऊ नृत्य का प्रशिक्षण लिया और नाट्यरचना की. आकांक्षा के पिता अनिल कुमार मिश्रा पूर्व सरकारी अधिकारी हैं. वह वर्तमान में उषा मार्टिन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार हैं. मां रीता मिश्रा गृहिणी हैं. छऊ केंद्र चंदनकियारी के संयोजक डॉ संजय कुमार चौधरी ने कहा कि आकांक्षा की उपलब्धि गर्व की बात है.
छऊ नृत्य के विकास, बचाव व अनुसंधान के सफर का पहला कदम : आकांक्षा
आकांक्षा प्रियदशिर्नी ने बताया कि 2014 में गुरु त्रिलोचन मोहंता से मिली और प्रोजेक्ट छाउनी-बारिपदा के मार्गदर्शन में दस साल और प्रशिक्षण लिया. गुरु चेतन जोशी, दिवंगत गुरु गोपाल प्रसाद दुबे व संजय चौधरी जैसे लोगाें का सहयोग व मार्गदर्शन मिला. चंदनकियारी प्रखंड स्थित छऊ केंद्र उनका प्रेरणास्रोत है. कहा कि भगवान की कृपा, गुरुओं व माता-पिता के आशीर्वाद से जूनियर फेलोशिप अवॉर्ड मिला है. यह उनके छऊ नृत्य के विकास, बचाव व अनुसंधान के सफर का पहला कदम है. उनकी सोच है कि नृत्य ने उन्हें जितना दिया है, उतना ही नृत्य को वापस दें. बताया कि 26 जुलाई को दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित के सामने उन्होंने मयूरभंज छऊ नृत्य की प्रस्तुति दी.